राजस्थान की राजधानी जयपुर के सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में एक ज्वेलरी फैक्ट्री में जहरीली गैस की चपेट में आने से चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो की हालत गंभीर बनी हुई है. यह दर्दनाक हादसा सोमवार देर रात ज्वेलरी जोन के जी-ब्लॉक स्थित अचल ज्वेलर्स फैक्ट्री में हुआ.
पुलिस के मुताबिक, मृतकों की पहचान संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल और अर्पित यादव के रूप में हुई है. गंभीर रूप से घायल दो मजदूरों अजय चौहान और राजपाल को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि दो अन्य मजदूरों अमित पाल और सूरज पाल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.
10 फीट गहरा था सेप्टिक टैंक
पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री में एक 10 फीट गहरा सेप्टिक टैंक है, जिसमें गहनों की सफाई के दौरान सोना-चांदी के बारीक कण जमा हो जाते हैं. इन कणों को निकालने के लिए मजदूरों को टैंक में उतारा गया. पहले तो मजदूरों ने गर्मी और गैस के डर से नीचे उतरने से इनकार कर दिया, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन ने ज्यादा पैसे देने का लालच देकर उन्हें राजी किया.
जहरीली गैस के कारण सांस लेने में दिक्कत
सबसे पहले अमित और रोहित नीचे उतरे, लेकिन जहरीली गैस के कारण तुरंत ही सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उन्होंने मदद के लिए आवाज लगाई. उन्हें बचाने के लिए बाकी छह मजदूर भी टैंक में उतर गए, लेकिन वे भी बेहोश हो गए. चार की मौके पर ही मौत हो गई.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि टैंक में जहरीले कैमिकल वाला कीचड़ जमा था, जिससे यह हादसा हुआ. यह फैक्ट्री में की जाने वाली एक आम प्रक्रिया है, जिसमें टैंक की सफाई कर बहुमूल्य धातुएं निकाली जाती हैं.
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुआवजे की रिपोर्ट मांगी
इस घटना के बाद राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने जयपुर जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर जांच और मुआवजे की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही फैक्ट्री मालिक अरुण कुमार कोठारी और सीईओ विकास मेहता से भी जवाब और मुआवजे की उम्मीद जताई गई है.
इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार को घेरा और कहा कि बीते 10 दिनों में प्रदेश में 11 लोगों की सेप्टिक टैंक में सफाई के दौरान मौत हो चुकी है. उन्होंने पूछा, 'सरकार कब जागेगी?'
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