Jaipur road accident update: राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार दोपहर ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे शहर को हिला दिया. हरमाड़ा थाना इलाके के लोहामंडी रोड पर एक बेकाबू डंपर ने मौत का तांडव मचा दिया. चश्मदीदों के मुताबिक, डंपर चालक शराब के नशे में था और उसने सामने जो भी देखा, उसे बेरहमी से कुचल डाला. इस हादसे में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है. मौत का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है.
करीब 300 मीटर लंबा यह डरावना सफर कई परिवारों के लिए हमेशा के लिए तबाही लेकर आया. पहले डंपर ने एक कार को टक्कर मारी, उसके बाद वह रुका नहीं, बल्कि पांच और गाड़ियों को टक्कर मारता चला गया. इस पूरी रफ्तार और पागलपन के बीच 19 लोगों की जान चली गई, जबकि 40 से ज़्यादा घायल हो गए. कई लोग तो उन गाड़ियों के नीचे दब गए जिन्हें डंपर ने रौंदा था.
घटनास्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'डंपर के सामने जो आया, वो बच नहीं सका... सड़क पर लोग भाग रहे थे, लेकिन वह उन्हें कुचलता हुआ आगे बढ़ता गया.” किसी ने कहा कि ड्राइवर का संतुलन पूरी तरह बिगड़ा हुआ था, तो कोई बोला कि वो बार-बार हॉर्न बजा रहा था लेकिन रुकने का नाम नहीं ले रहा था. सब कुछ कुछ ही सेकेंड में हो गया.
जब डंपर रुका, तब तक सड़कों पर सिर्फ टूटी हुई गाड़ियां, घायल लोग और दर्दनाक चीखें रह गईं. आसपास के लोगों ने भागकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया. जिनके फोन थे, उन्होंने उनके घरवालों को खबर दी. कुछ तो बेहोशी की हालत में सड़क पर पड़े थे, जिनको एंबुलेंस कर्मचारी उठाकर ले गए.
पुलिस की कार्रवाई और लोगों का गुस्सा
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरे क्षेत्र को घेर लिया. शुरुआती जांच में सामने आया कि डंपर चालक शराब के नशे में था. हादसे के बाद इलाके में भारी आक्रोश फैल गया. लोगों ने कहा कि ऐसे ड्राइवरों को सख्त सज़ा मिलनी चाहिए, ताकि कोई दोबारा ऐसी हरकत करने की हिम्मत न करे.
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स्थानीय नागरिकों ने डंपर मालिक और ड्राइवर, दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है. कुछ लोगों ने सड़कों पर धरना भी दिया, उनका कहना था कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह दुर्घटना हुई.
शराब और स्टीयरिंग का खतरनाक रिश्ता
यह कोई पहली घटना नहीं है. शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से हर साल सैकड़ों लोगों की जान जाती है. बावजूद इसके, ड्राइवरों में यह लापरवाही खत्म नहीं हो रही. नशे में इंसान का संतुलन, सोच और प्रतिक्रिया क्षमता - तीनों कमजोर हो जाते हैं. जब वही व्यक्ति भारी वाहन लेकर सड़क पर उतरता है, तो वह खुद के साथ दूसरों की जान के लिए भी खतरा बन जाता है.
सरकार और पुलिस लगातार अपील करती रही हैं कि ‘ड्रिंक एंड ड्राइव’ मत करो, लेकिन कड़ाई की कमी अक्सर ऐसे हादसों को जन्म देती है. इस बार भी अगर शराब पीकर वाहन चलाने पर पहले ही सख्त कार्रवाई होती, तो शायद दस ज़िंदगियां नहीं जातीं.
परिवारों की चीख और शहर का सन्नाटा
हादसे की खबर जैसे ही परिजनों तक पहुंची, हर तरफ मातम छा गया. किसी का बेटा नहीं रहा, किसी का पिता, तो किसी का भाई. जयपुर के कई अस्पतालों में घायल अब भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. उनके घरवाले दुआ कर रहे हैं कि किसी तरह उनकी सांसें बच जाएं.
शरत कुमार