'मुगलों की वजह से रात में शादी के फेरे होने लगे', BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य बोले- इनके नाम पर न हों सड़क और शहर

राजस्थान के बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि पहले सूर्य को साक्षी मानकर शादी होती थी, लेकिन मुगलों की वजह से रात में शादी के फेरे होने लगे. उन्होंने कहा कि ये विदेशी आक्रमणकारी थे और इनके नाम पर किसी सड़क या शहर का नाम नहीं होना चाहिए.

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शादी को लेकर बीजेपी विधायक बालमुकुंद का बयान (फाइल फोटो) शादी को लेकर बीजेपी विधायक बालमुकुंद का बयान (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

जयपुर की हवामहल सीट से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य (Balmukund Acharya) ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिसकी चारों ओर चर्चा है. उन्होंने कहा कि भारत में सूर्य को साक्षी मानकर शादी के फेरे हुआ करते थे, लेकिन जबसे भारत में मुगलों ने आक्रमण किया, उसके बाद से दिन में शादी और फेरे की रस्म होना बंद हो गई क्योंकि तब मुगल बहन-बेटियों को उठाकर ले जाते थे. इसलिए उनसे छिपाक रात में फेरे की रस्म शुरू हुई.  

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राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) के बयान का समर्थन करते हुए बालमुकुंद आचार्य (Balmukund Acharya) ने कहा कि मुगल विदेशी आतंकी थे. उन्होंने भारत में लूट और हिंसा की वारदातें की थीं, ऐसे में इनको महान बताना सरासर गलत है. इन लोगों की तो चर्चा तक नहीं होनी चाहिए. सिलेबस में इनको पढ़ाना तो बहुत दूर की बात है. 

बाबर और अकबर ने देश लूटा तो महान कैसे?- आचार्य 

बालमुकुंद ने कहा कि अकबर नहीं महाराणा प्रताप और शिवाजी महान हैं, जिन्होंने मातृभूमि को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है. हमारे देश में कोई बाबर तो कोई अकबर को महान बता देता है, लेकिन इतिहास को देखते हैं तो पता चलता है कि इन्होंने भारत को लूटने के अलावा कोई काम नहीं किया. इसलिए मैं चाहता हूं कि विदेशी आक्रांताओं को स्कूलों के सिलेबस से हटा देना चाहिए.  

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बीजेपी विधायक ने कहा कि हम सभी मुगलों का इतिहास जानते हैं. बेटे ने पिता को जेल में डाल दिया और शासन किया. वे अत्याचारी थे. हम उन्हें महान लोगों के रूप में कैसे देख सकते हैं. सिलेबस में ऐसे अत्याचारियों का उल्लेख मुझे गलत लगता है. हमें अपनी संस्कृति और पूर्वजों के इतिहास के बारे में सीखना चाहिए.  

'मुगलों के नाम पर नहीं होनी चाहिए कोई सड़क'

हवामहल विधायक (Hawamahal MLA) ने कहा कि जब मैं दिल्ली जाता हूं तो अकबर रोड का नाम सुनकर मुझे पीड़ा होती है क्योंकि जिस अकबर ने हमारे देश पर आक्रमण किया. हमने उसी की याद में सड़क का नामकरण कर दिया. मैं सोचता हूं और चाहता हूं कि मुगलों के नाम से न तो किसी सड़क और न ही किसी शहर का नाम होना चाहिए. इसलिए मैं देश के और सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री से भी यह निवेदन करता हूं कि वह मुगलों को हटाकर हमारे देश के वीरों को सिलेबस में जोड़ें ताकि युवा पीढ़ी देश का सही इतिहास जान सके. 

पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं बालमुकुंद 

ऐसा नहीं है कि बालमुकुंद आचार्य ने पहली बार ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद छिड़ा है. पहली बार जब वो विधायक बने थे, उसके तुरंत अपने समर्थकों के साथ मार्केट पहुंच गए थे, जहां नॉन वेज होटलों को बंद करने को कहा था. हालांकि बाद में अपने बयान से उन्होंने माफी मांग ली थी. उसके बाद जब वो जयपुर के एक गर्ल्स स्कूल गए तो वहां हिजाब पहनी हुई छात्राओं को देखकर भड़क गए थे. उन्होंने स्कूल में ही कहा था कि हिजाब से माहौल खराब हो रहा है. स्कूल में तो बंद करो. ये सब चेंज करवाओ, बिलकुल पैक करवा रखा है इनको.

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