हॉस्पिटल बंद कर महिला डॉक्टर ने लगाया गोलगप्पे का ठेला, जानें वजह

राजस्थान में इस समय प्रदेश सरकार के बिल के विरोध में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच सीकर जिले में खीचड़ हॉस्पिटल की डॉक्टर ने हॉस्पिटल के बाहर अनोखा प्रदर्शन शुरू किया है. डॉक्टर अनीता ने यहां गोलगप्पे का ठेला लगा लिया है.

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महिला डॉक्टर ने विरोध में लगाया गोलगप्पे का ठेला. महिला डॉक्टर ने विरोध में लगाया गोलगप्पे का ठेला.

सुशील कुमार जोशी

  • सीकर,
  • 26 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध थम नहीं रहा है. इस बिल के विरोध में राजस्थान में डॉक्टर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के चलते सीकर जिले में कलेक्ट्रेट पर डॉक्टर धरने पर बैठे हुए हैं. यहां दो डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन कर रखा है. यहां हड़ताल के कारण कई दिन से प्राइवेट अस्पताल भी बंद हैं. डॉक्टर सीकर में जिला कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं, बिल के विरोध में 3 महिला डॉक्टर भी अनशन पर बैठ गई हैं.

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वहीं सीकर के खीचड़ हॉस्पिटल के बाहर हॉस्पिटल की डॉक्टर अनिता चौधरी ने अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. उन्होंने अपने अस्पताल के बाहर गोलगप्पे यानी पानीपुरी का ठेला लगा लिया है और कहती हैं कि अब गाड़ी चलाने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा.

राज्य सरकार के राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टरों ने शहर में बाइक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. बाइक रैली एसके स्कूल ग्राउंड से रवाना हुई, जो बजरंग कांटा, बाइस्कोप, रानी सती, बहड़ सर्किल, महामंत्री रोड, घंटाघर, सूरजपोल गेट, जाट बाजार, स्टेशन रोड, कल्याण सर्किल होती धरनास्थल कलेक्ट्रेट के सामने पहुंची.

क्या है डॉक्टरों की मांग?

डॉक्टरों की मांग है कि राज्य सरकार द्वारा जो राइट टू हेल्थ बिल लाया गया है, उसको वापस लिया जाए. इसको लेकर कई दिन से डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. बिल पास होने के बाद डॉक्टरों ने अपने निजी अस्पताल बंद कर दिए. उनका कहना है कि जब तक राइट टू हेल्थ बिल वापस नहीं होगा, तब तक हड़ताल रहेगी.

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तीसरे दिन भी जारी आमरण अनशन

डॉ. पंकज चौधरी ने बताया कि आज तीसरे दिन भी दोनों डॉक्टरों ने आमरण अनशन जारी रखा. वहीं 4 चिकित्सक क्रमिक अनशन पर उनके समर्थन में बैठे. क्रमिक अनशन में बैठे चार डॉक्टरों में से 3 महिला डॉक्टर हैं. डॉक्टर भारती ने कहा कि राज्य सरकार के आरटीएच कानून के विरोध में हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य सरकार राइट टू हेल्थ बिल को वापस नहीं ले लेती. 

उन्होंने कहा कि आरटीएच एक्ट वापस नहीं होने पर डॉक्टर अपने परिवार सहित जयपुर में महा आक्रोश रैली निकालेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे. राज्य सरकार द्वारा जबरदस्ती नियम  थोपे गए हैं. कानून कायदों को लेकर अब डॉक्टर काम करने की दशा में नहीं हैं. डॉक्टर के विरोध के चलते प्रदेश की जनता और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार है.

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