दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा, पिकअप में आग लगने से तीन की जिंदा जलकर मौत

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अलवर के रेणी थाना क्षेत्र में देर रात पिकअप ट्रक से टकरा गई. चालक को नींद की झपकी आने से हादसा हुआ. सीएनजी और एलपीजी सिलेंडर से आग भड़क गई. केबिन में बैठे तीन लोगों की जिंदा जलकर मौत हुई. चालक गंभीर घायल है.

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दर्दनाक हादसा (Photo: Screengrab) दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दर्दनाक हादसा (Photo: Screengrab)

हिमांशु शर्मा

  • अलवर ,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST

अलवर. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर मंगलवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. Raini थाना क्षेत्र में चैनल नंबर 131.5 के पास दिल्ली से जयपुर जा रही एक पिकअप गाड़ी के चालक को नींद की झपकी आ गई. इससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ा और वह आगे चल रहे एक ट्रक से टकरा गई.

टक्कर के बाद पिकअप में अचानक आग लग गई. चालक ने ड्राइवर गेट तोड़कर नीचे कूदकर अपनी जान बचा ली. वहीं केबिन में बैठे तीन लोग आग की चपेट में आ गए और जिंदा जल गए. आग इतनी तेज थी कि केबिन में बैठे लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला. हादसे के समय चालक के अलावा सभी लोग सो रहे थे.

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भीषण सड़क हादसा

आग की लपटें देखकर लोगों ने एक्सप्रेसवे प्रशासन को सूचना दी. पेट्रोलिंग टीम एंबुलेंस के साथ मौके पर पहुंची और घायल चालक को तुरंत अस्पताल पहुंचाया. चालक ने बताया कि गाड़ी में उसके साथ तीन और लोग थे और उसे नींद की झपकी आ गई थी.

रेणी थाने के एसएचओ राजपाल चौधरी ने बताया कि पिकअप में सीएनजी किट लगी थी. आगे के पहिए से निकली चिंगारी के कारण सीएनजी लाइन में आग लग गई. पिकअप में रखा छोटा एलपीजी सिलेंडर भी फट गया, जिससे आग और भड़क गई.

मृतकों की पहचान मोहित निवासी बहादुरगढ़ हरियाणा, दीपेंद्र निवासी सागर मध्यप्रदेश और पदम निवासी सागर मध्यप्रदेश के रूप में हुई है. घायल चालक हन्नी निवासी झज्जर हरियाणा है, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में जयपुर रेफर किया गया. दीपेंद्र और पदम वेल्डिंग का काम करते थे और काम खत्म कर सामान लेकर मध्यप्रदेश लौट रहे थे.

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पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

हादसा इतना भीषण था कि शव जलकर कंकाल बन गए और सीटों से चिपके मिले. शवों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. क्रेन से वाहन हटाने के बाद यातायात बहाल हुआ. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि घटनास्थल के आसपास करीब दस किलोमीटर तक लगे कैमरे लंबे समय से खराब थे. सोलर सिस्टम की बैटरियां खराब होने से कैमरे काम नहीं कर रहे थे. एक्सप्रेसवे पर लगे आपातकालीन इमरजेंसी बॉक्स भी खराब मिले. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
 

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