महिलाओं का ग्रुप, शादी का कार्ड और मोबाइल हैंग...WhatsApp मैसेज के ट्रैप ने उड़ाए होश

भीलवाड़ा में महिला मंडल की 150 से अधिक महिलाएं साइबर ठगों के निशाने पर आ गईं, जब व्हाट्सएप ग्रुप में शादी के इनविटेशन कार्ड के नाम पर फर्जी लिंक भेजा गया था. इस लिंक को डाउनलोड करते ही कई महिलाओं का व्हाट्सएप और बैंक ऐप हैक हो गया. सतर्कता और समय रहते चेतावनी से ठग उनके अकाउंट से पैसे नहीं उड़ा पाए.

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WhatsApp के जरिए ठगी की कोशिश (Photo: Screengrab) WhatsApp के जरिए ठगी की कोशिश (Photo: Screengrab)

प्रमोद तिवारी

  • भीलवाड़ा,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में बड़ी साइबर ठगी की कोशिश का मामला सामने आया है. यहां एक महिला मंडल के व्हाट्सएप ग्रुप में शादी का इनविटेशन कार्ड भेजा गया, जिसे असली समझकर जैसे ही महिलाओं ने डाउनलोड किया, उनका व्हाट्सएप हैक हो गया. इस ग्रुप में 150 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी थीं और इनमें से कई के मोबाइल फोन और ऐप्स हैक हो गए.

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शादी के कार्ड के जरिए ठगी की कोशिश

जानकारी के अनुसार, 16 अक्टूबर को महिला मंडल की एक सदस्य के मोबाइल पर उनकी दोस्त के नंबर से शादी का एक इनविटेशन कार्ड का लिंक आया था. जैसे ही उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, वह खुला नहीं और कुछ ही देर बाद उनका व्हाट्सएप अपने आप अनइंस्टॉल हो गया. 

इसके बाद रात 3 बजे एक व्हाट्सएप कॉल भी आया, जिसके बाद फोन पूरी तरह से हैंग हो गया. सुबह जब उन्होंने जांच की, तो पाया कि उनका 'फोन पे' ऐप हैक हो चुका है और एसबीआई अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने की कोशिश की गई थी. सौभाग्य से बैंक की सुरक्षा प्रणाली के कारण ठग पैसे निकालने में असफल रहे.

लिंक खोलते ही मोबाइल हैक

महिला मंडल की सदस्य रीना जैन ने बताया कि वह सुबह किचन में काम कर रही थीं, तभी ग्रुप में शादी का कार्ड आया. उन्हें लगा कि यह किसी परिचित की शादी का आमंत्रण है. लेकिन कुछ ही मिनटों बाद एक संदेश आया कि यह लिंक फर्जी है और किसी भी हालत में इसे क्लिक न करें. उन्होंने बताया कि यदि यह चेतावनी कुछ देर बाद आती, तो शायद दर्जनों महिलाएं ठगी की शिकार बन जातीं.

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इसी ग्रुप की एक अन्य सदस्य ललिता खमेसरा ने बताया कि जैसे ही उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, उनका व्हाट्सएप अपने आप हट गया और फोन हैंग हो गया. जांच में सामने आया कि यह “एपीके (APK)” फाइल थी, जो डाउनलोड होते ही फोन का पूरा नियंत्रण साइबर ठगों के पास पहुंचा देती है.

भीलवाड़ा के ही अशोक जैन ने बताया कि उन्हें भी ऐसा ही लिंक मिला था. जैसे ही उन्होंने डाउनलोड की प्रक्रिया रोकी, बेटे की मदद से फोन को जांचा गया और एपीके फाइल हटाई गई. उन्होंने कहा कि यह बहुत खतरनाक साइबर फ्रॉड है, जो लोगों की भावनाओं का फायदा उठाकर ठगी करने का तरीका है.

इस मामले की सूचना साइबर सेल को दी गई है. विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वो किसी भी अनजान लिंक या आमंत्रण पत्र को डाउनलोड न करें, खासकर जो “APK” फॉर्मेट में हों.

 

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