अरावली पर्वत श्रृंखला के मुद्दे पर कांग्रेस की छात्र इकाई राष्ट्रीय छात्र संगठन यानी एनएसयूआई के 'सेव अरावली' मार्च को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया. इस मार्च में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश में पार्टी की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री रहे सचिन पायलट भी शामिल थे. इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली.
हालात बिगड़ते देख सचिन पायलट ने बीच रास्ते में ही मार्च खत्म करने का ऐलान कर दिया. कांग्रेस का यह सेव अरावली मार्च बीच रास्ते में ही समाप्त हो गया है. सचिन पायलट एनएसयूआई के इस मार्च में अपने बेटे आर्यन को साथ लेकर पहुंचे थे. मार्च जैसे ही आगे बढ़ा, सुरक्षा के लिहाज से तैनात पुलिसकर्मियों ने इसे रोक दिया.
पुलिसकर्मियों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नोकझोंक भी हुई. कांग्रेस कार्यकर्ता तमाम बंदिशों के बावजूद आगे बढ़ने की बात पर अड़े हुए थे. बात बढ़ती देख पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हस्तक्षेप किया और फिर बातचीत के बाद वह इस बात पर सहमत हो गए मार्च समाप्त कर दिया जाए. सचिन पायलट ने मार्च समाप्त करने की घोषणा कर दी.
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गौरतलब है कि कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने अरावली के मुद्दे पर मार्च का ऐलान पहले ही कर दिया था. सचिन पायलट ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर अरावली पर्वत श्रृंखला को राजस्थान के साथ ही हरियाणा, दिल्ली और गुजरात जैसे कई राज्यों के लिए प्राकृतिक वरदान बताया था.
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उन्होंने एक्स हैंडल से पोस्ट कर कहा था कि ये पहाड़ियां भूजल रिचार्ज, वर्षा जल संरक्षण, मरुस्थलीकरण रोकने, जैव विविधता बचाने और प्रदूषण नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाती हैं. सचिन पायलट ने अपनी इसी पोस्ट में अरावली बचाओ पदयात्रा में शामिल होने, इसे समर्थन देने का ऐलान किया था.
शरत कुमार