राजस्थान के जयपुर में सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद करीब 18 लोगों की एक आंख की रोशनी चली गई. पीड़ित मरीजों को पिछले महीने एसएमएस सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था.
इनमें से अधिकांश लोगों का ऑपरेशन चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के तहत किया गया था. बता दें कि 'चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना' अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की पसंदीदा परियोजनाओं में से एक है. जानकारी के मुताबिक, कुछ मरीजों ने आंख के ऑपरेशन के बाद गंभीर दर्द की शिकायत की. डॉक्टर ने उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा. कुछ मरीजों का तीन बार ऑपरेशन किया गया.
आंख में हो रहा दर्द, बह रहा पानी- मरीज
मगर, दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद खोई हुई दृष्टि वापस नहीं आ पाई. पीड़ित मरीज चंदा देवी ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि एक आंख से बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा है. आंख में दर्द हो रहा है और पानी बह रहा है. डॉक्टर कह रहे हैं कि इन्फेक्शन हो गया है. पहले से थोड़ा कम हुआ है. धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा.
दो बार ऑपरेशन के बाद भी आंखों नहीं आई रोशनी- पीड़ित का बेटा
एक मरीज के बेटे राकेश सोनी का कहना है कि 26 जून को मां के आंख का ऑपरेशन हुआ था. इसके बाद हम उन्हें घर लेकर चले गए. अगले दिन से आंखों में, सिर में तेज दर्द होने लगा. अगले ही दिन वापस लाकर फिर से जांच कराई. अस्पताल में फिर दो बार ऑपरेशन किया गया है. मगर, न तो उनका दर्द कम हुआ है और न ही वह आंखों से कुछ देख पा रही हैं.
ऑपरेशन के अगले दिन डॉक्टर ने फोन कर बुलाया- नफीसा बेगम
वहीं, मरीज नफीसा बेगम ने बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के एक दिन बाद छुट्टी दे दी. घर जाने के बाद दर्द होने लगा. मगर, अगले दिन डॉक्टर ने फोन किया कि क्या आपको कोई दर्द हो रहा है. मैंने कहा कि मेरी आंख में बहुत दर्द हो रहा है, तो उन्होंने कहा कि आप वापस आइए. जब मैं वापस गई, तो आंख को साफ किया गया और फिर से ऑपरेशन किया गया. लेकिन मेरा दर्द कम नहीं हुआ है. अब आंख से दिखाई भी नहीं दे रहा है.
मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप
'आजतक' से जिन मरीजों के रिश्तेदारों ने बात कि उनमें से कई ने मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उन्हें अपने मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दी गई. उनके मरीजों को काफी दर्द होने और गंभीर परेशानी होने के बावजूद घर ले जाने के लिए कहा गया. इस भयानक गड़बड़ी के सामने आने के बाद अस्पताल अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है.
डॉक्टर से कोई चूक नहीं हुई- स्वास्थ्य मंत्री
वहीं इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि डॉक्टर से कोई चूक नहीं हुई है. वहीं, एसएमएस अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. पंकज शर्मा ने बताया कि हमारे यहां न ओटी की कोई कमी है. न ही डॉक्टर की. अभी माइक्रोबायोलॉजी की जांच चल रही है.
देव अंकुर