24 जून से लेकर 29 जून तक हर रात भाटिया परिवार घर में अनुष्ठान के नाम मौत की रिहर्सल किया करता था. परिवार के सभी 11 के 11 सदस्य उसी हॉल में बरगद के पेड़ की टहनियों जैसे लटकने की प्रैक्टिस किया करते थे जिस हॉल से उनकी लाशें मिली थीं. और ये सब वो ललित के कहने पर करते थे. फिर छह दिन की रिहर्सल के बाद 30 जून आता है. रिहर्सल का आखिरी दिन. लेकिन इस आखिरी रिहर्सल के दिन ललित अचानक नियम में दो बदलाव कर देता है. और यही बदलाव पूरे परिवार की मौत की वजह बन जाती है.