अयोध्या पर फैसला आस्था और विश्वास पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर किसका अधिकार है. इसे कानूनी आधार पर तय किया गया है. खबरदार में आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन से कानूनी आधार रहे जिससे रामलला को पूरी ज़मीन मिली. साथ ही बात करेंगे कि पीएम ने देश को संबोधित करते वक्त क्या-क्या कहा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हर पक्ष और हर दलील को बारीकी से सुनकर, मैराथन सुनवाई करके फैसला दिया है. 1045 पन्नों में देश के सबसे बड़े विवाद और सबसे बड़े मुकदमे का फैसला लिखा गया. लेकिन इस फैसले में आखिरी के 115 पन्ने बहुत दिलचस्प हैं. ये पन्ने पांच जजों में से किसी एक जज ने लिखे. जिनका नाम तो नहीं दिया गया. लेकिन इन 115 पन्नों में अलग से ये बताया गया कि क्या हिंदू मान्यता के मुताबिक विवादित ज़मीन पर भगवान राम का पवित्र जन्मस्थान ही है. दिनभर की बड़ी खबरों के विश्लेषण के लिए देखें खबरदार.