कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है. नोटबंदी के 24 दिन के बाद ना एटीएम ने नए नोट उगले और ना बैंको ने सैलेरी की रकम का देने का वादा ही पूरा किया. जंग कालेधन के नाम पर शुरू हुई थी. लेकिन जंग आम लोगों की परेशानी पर जा टिकी. पीएम ने पचास दिन मांगे थे और इस हिसाब से 27-28 दिन अभी भी सरकार के पास है. लोग परेशान तो हैं और कैश के कष्ट का सवाल भी.