देश में अरावली की पहाड़ियों को बचाने को लेकर नई बहस छिड़ी हुई है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अरावली क्षेत्र में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को जंगल के रूप में क्लासिफाई नहीं किया जाएगा. इस आदेश के सामने आते ही पर्यावरण विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. वहीं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सफाई देते हुए कहा कि सिर्फ 0.19 प्रतिशत क्षेत्र में ही सीमित खनन संभव है.