जहां आज महंगाई के युद्ध में फंसी जनता को राहत दिलाने वाली दस्तक देनी जरूरी है. समझना भी है साथ में कि आखिर युद्ध से महंगाई है या फिर महंगाई से जनता का युद्ध है? महंगाई का पहाड़ धीरे धीरे ऊंचा होता जा रहा है. इतना ऊंचा कि सिर्फ पांच राज्यों में चुनाव के बाद का हिसाब देखें तो...घरेलू रसोई गैस, 50 रुपए महंगी हो चुकी है. कमर्शियल सिलेंडर 250 रुपए महंगा हो चुका है. पेट्रोल- डीजल तो 9 रुपए से ज्यादा महंगा हो चुका है, ध्यान रहे कि हम आपको ये सिर्फ 14 दिन के भीतर बढ़े हुए दाम बता रहे हैं. सीएनजी के 3 रुपए से 5 रुपए तक दाम बढ़ चुके हैं. पीएनजी यानी घरेलू पाइपलाइन वाली गैस के दाम भी छह रुपए तक बढ़ चुके हैं. इन सबके बीच सबसे अहम है पेट्रोल डीजल, जिसकी महंगाई से ही दूसरों की महंगाई का भी रिश्ता है. और इसी रिश्तेदारी में क्या सरकारें महंगाई के प्रमुख कारण तेल पर लिए जाने वाले टैक्स को नकार कर सिर्फ युद्ध को दोषी ठहरा रही हैं?
The mountain of inflation is slowly getting higher. So high that if we look at the post-election calculations in only five states, then domestic LPG has become costlier by Rs 50. The commercial cylinder has become costlier by Rs 250. Petrol-diesel has become more expensive than 9 rupees, we are telling you these increased prices within 14 days only. Watch Show