चाल चक्र में आज हम आपको बताएंगे आठ प्रहर की महिमा के बारे में. प्रथम प्रहर संध्याकाल 06.00 से 09.00 तक का होता है, इसको रात्रि का प्रथम प्रहर भी कहते हैं. इस प्रहर को सतोगुणी प्रहर कहा जाता है, इसमें पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है. इस प्रहर में भोजन करना और सोना वर्जित है. इस प्रहर में जन्म लेने वालों को आम तौर पर आँखों और हड्डियों की समस्या होती है. इस समय घर में पूजा के स्थान पर घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं. बाकी प्रहर के बारे में जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.
What is Prahar? What does prahar mean? How many Pehar are there in a day? What is the importance of Prahar. Today in our show Chaal Chakra we will try to tell you the answers of all these questions. Also, know what stars have in store for you.