2009 से मसूद अजहर पर अटके संयुक्त राष्ट्र के बैन पर कल सफलता मिली है, लेकिन अब देश में इस पर राजनीति शुरू हो गई है. उमर अब्दुल्ला और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने बैन के प्रस्ताव में पुलवामा का जिक्र न होने को लेकर सरकार को घेर लिया है और कहा है कि ये बैन सिर्फ दिखावटी है. वहीं, कमलनाथ और मायावती जैसे नेताओं को लग रहा है कि इस बहाने सरकार चुनावी राजनीति में जुट गई है. उधर बीजेपी का दावा है कि ये सरकार के कूटनीतिक प्रयासों की जीत है, जिस पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए. तो आज एंकर्स चैट में रोहित सरदाना दर्शकों से इसी मुद्दे पर करेंगे बातचीत.