हिंदुओं से नफरत की कहानी क्यों सुना रहे हैं पाक आर्मी चीफ, क्या पाकिस्‍तान के बिखरने का डर सता रहा?

ओवरसीज पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर के मुंह से जो बातें निकल रही थीं वो वैसी ही थीं जैसे कोई डरा हुआ सेनापति संभावित हार को देखते हुए अपनी टुकड़ी में जोश भर रहा हो. मुनीर पाकिस्तानियों को हिंदुओं के खिलाफ भडका कर, टू नेशन थियरी को सही साबित कर रहे थे. जाहिर है कि 2 से 3 परसेंट हिंदुओं से डर तो नहीं ही है. आइये देखते हैं कि आखिर बात क्या है?

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Asim Munir urged Pakistanis to narrate how the Islamic Republic was born to their children. (File Image) Asim Munir urged Pakistanis to narrate how the Islamic Republic was born to their children. (File Image)

संयम श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:54 PM IST

कहते हैं कि जो आपके मन में चल रहा होता है वही आपके मुंह से निकलता है. पाकिस्तान के जो हालात हैं वो किसी से छिपे नहीं हैं. आर्थिक स्थिति इतनी बुरी हो चुकी है कि हर महीने नए कर्ज की तलाश शुरू होती है. सरकार चलाने तक का खर्च नहीं है इस देश में. कोढ़ में खाझ यह है कि बलूचिस्तान आजाद मुल्क बनने की राह पर हर दिन बढ़ रहा है. कश्मीर में अब न आईएसआई की चल रही और न ही सेना की.

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 पाकिस्तानी सोशल मीडिया को देखेंगे तो पाएंगे कि युवा अपने देश को लेकर बहुत निराशा है. लोकतंत्र पर सेना के भारी होने के बावजूद व लोग ऑर्मी के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं. कई लोग तो ऐस मिल जाते हैं जो चाहते हैं कि भारत फिर से पाकिस्तान को अपने साथ मिला ले. समझदार लोग समझते हैं कि एक पिलर के सिर्फ खिसकने भर की देर होती है कि मकान भरभराकर गिर जाता है. जाहिर ऐसी दशा में पाक सेना अध्यक्ष को नींद नहीं आती होगी. कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं चाहेगा कि उसे बाकी जीवन अपने देश को बरबादी से न बचाने वाले शख्स के रूप में देखा जाए.

 बुधवार को ओवरसीज पाकिस्तानियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर के मुंह से जो बातें निकल रही थीं वो वैसी ही थीं जैसे कोई डरा हुआ सेनापति संभावित हार को देखते हुए अपनी टुकड़ी को बस यही समझा जा रहा हो कि बस लड़ाई लड़नी है , मर गए तो भी कोई गम नहीं आखिर हम शहीद कहलाएंगे.  मुनीर की एक -एक बात ऐसी थी जो बता रही थी पाकिस्तान आज भी एक मुल्क नहीं बन सका है. नेताओं के सामने आज भी अपने देश के अस्तित्व का संकट है. जो केवल और केवल हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलकर ही संभव है.

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सोचने वाली बात है कि मुसलमानों के नाम पर एक अलग देश पाकिस्तान बनने के बाद भी वहां हिंदुओं से डर लगता है. 1947 में जब पाकिस्तान नाम का देश बना उस समय यहां हिंदुओं की आबादी करीब 23 प्रतिशत थी. आज बमुश्किल 3 परसेंट के करीब हिंदू बचे हैं. जाहिर है कि हिंदुओं को इतना प्रताड़ित किया गया कि या तो वो देश छोड़कर चले गए या उन्होंने इस्लाम स्वीकार कर लिया. इसके बावजदू हिंदू ही इस देश के लिए सेफ्टी वॉल्व हैं जिनके नाम पर यह देश बचा रह सकता है. यह बात मैं नहीं कह रहा, ये खुद जनरल मुनीर की बातों से ऐसा लग रहा है. 

ओवरसीज पाकिस्तानियों के सम्मेलन में जनरल आसिम मुनीर ने हिंदुओं के खिलाफ जो आग उगली वो उसी बात की प्रतीक है. मुनीर को या पाकिस्तानियों को हिंदुओं से खतरा नहीं है और न ही देश में वो मुसलमानों के प्रतिस्पर्धी हैं. पाकिस्तान में आज जो भी हिंदू बचे हुए हैं वो दबे कुचले तबके की हैं. जिन लोगों ने पाकिस्तानी लोकप्रिय सीरीज जिंदगी गुलजार है सीरियल देखी होगी उन्हें पता होगा कि वहां हिंदू किस दशा में हैं. सीरीज में नायिका जिलाधिकारी बन जाती है. विदेश से एक प्रतिनिधिमंडल आया हुआ है . उन्हें गरीबों की एक बस्ती दिखाते हुए नायिका कहती है कि उधर हिंदू रहते हैं. 

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जरा सोचिए कि आज की तारीख में मुनीर को इन कमजोर, शोषित, पीड़ित हिंदुओं के खिलाफ अपनी नफरत को क्यों उजागर करना पड़ रहा है? मुनीर ने कहा है कि हम हिंदुओं से अलग हैं. हम उनसे बेहतर संस्कृति और संस्कार वाले हैं. वो टू नेशन थियरी को सही ठहराते हैं. क्योंकि मुनीर को डर है कि अगर इस थियरी को सही नहीं ठहराया तो हो सकता है कि पाकिस्तान की युवा पीढ़ी बगावत ही कर दे. पाकिस्तानी सेना प्रमुख को यह क्यों कहना पड़ा कि उनकी संस्कृति और विचारधारा हिंदुओं की संस्कृति से  बेहतर है. मुट्ठी भर हिंदुओं से वो अपनी तुलना क्यों कर रहे हैं? क्योंकि मुनीर को डर है कि उनका देश टूटने की कगार पर है. उसे हिंदुओं के खिलाफ नफरत पैदा करके बचाया जा सकता है.

मुनीर विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से अपील करते हैं कि वे अपने बच्चों को भी भारत और हिंदुओं से भेदभाव करना सिखाएं. मुनीर ने कहा कि 'हम एक देश नहीं हैं, हमारे पूर्वजों ने इस देश को बनाने में काफी संघर्ष किया. हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा की जानी है. आपको अपने बच्चों को यह बताना चाहिए कि वे कभी भी पाकिस्तान की कहानी को न भूलें. न भूलें कि पाकिस्तान किस आधार पर बना ताकि उनका पाकिस्तान के साथ नाता कमजोर न हो सके. 

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मुनीर बात करते-करते अपनी असली पीड़ा पर आ ही गए. बलूचिस्तान के जल्द ही अलग हो जाने के डर को उन्होंने जाहिर ही कर दिया. उन्होंने विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि 'क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?' 'बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी. 

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