मोदी तीसरी बार, नीतीश-नायडू किंगमेकर...चुनाव नतीजों पर सुधीर चौधरी के 10 Takeaways

लोकसभा चुनाव के नतीजे भले ही एनडीए के मनमाफिक ना रहे हों लेकिन वह केंद्र में एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है. विपक्ष के इंडिया गठबंधन ने शानदार लड़ाई लड़ी लेकिन सरकार बनाने के लिए 272 सीटों का जो बहुमत चाहिए, वो उसके पास अब भी नहीं है.

Advertisement
चुनावी नतीजों का विश्लेषण चुनावी नतीजों का विश्लेषण

सुधीर चौधरी

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2024,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर केंद्र में एनडीए की सरकार बनने जा रही है. हालांकि बीजेपी के '400 पार' के नारों के विपरीत आए चुनावी नतीजों को लेकर विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर है. विपक्ष ने इस बात पर बहस छेड़ रखी है कि भले सरकार एनडीए बना ले, लेकिन ये मोदी की हार है. वहीं, बीजेपी ने भी विपक्ष पर पलटवार किया और कहा, जिनके गठबंधन की सीटें बीजेपी की कुल सीट से भी कम आईं हों, वो किस मुंह से सवाल उठा रहे हैं. 

Advertisement

इस बार के चुनावी नतीजों में कांग्रेस को 47 सीटों को फायदा हुआ है और उसकी संख्या 99 तक पहुंच गई. बीजेपी को 63 सीटों का नुकसान हुआ हुआ और उसके सीटों की संख्या बहुमत के आंकड़े से छिटककर 240 पर आ गई.  हालांकि एनडीए का आंकड़ा 293 है और वो पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है. विपक्ष को एनडीए की जीत में भी हार क्यों दिख रही है, इसे समझने के लिए जब विस्तार से इसका विश्लेषण किया तो 10 बड़ी बातें सामने निकलकर आई हैं.

यह भी पढ़ें: जानिए चिराग कैसे बने बिहार लोकसभा चुनाव के स्टार परफॉर्मर ? 100 परसेंट स्ट्राइक रेट के साथ पार लगाई NDA की नैया

पहला- प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल पक्का है लेकिन नतीजे उनकी उम्मीदों के विपरीत रहे हैं और NDA 300 भी पार नहीं कर पाया है.

Advertisement

दूसरा- बीजेपी को इस बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला लेकिन 240 सीटों के साथ वो Single Largest Party रही है. वहीं, विपक्ष के इंडिया गठबंधन की 20 पार्टियों ने मिलकर 234 सीटें जीती हैं. बीजेपी ने अकेले 240 सीटें जीती हैं.

तीसरा- देश में गठबंधन वाली सरकार का दौर एक बार फिर से लौट आया है. इस बार लोगों ने मजबूत सरकार का नहीं, बल्कि मजबूत विपक्ष का चुनाव किया है.
 
चौथा- बीजेपी को हिंदी हार्टलैंड वाले राज्यों में जबरदस्त नुकसान हुआ है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पिछली बार से 30 सीटें कम मिलीं और अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

पांचवां- उत्तर प्रदेश में राम मंदिर का मुद्दा बिल्कुल नहीं चला. बीजेपी अयोध्या में भी चुनाव हार गई. इसके अलावा यूपी में बीजेपी के अंदर जो डिवाइड था, उससे भी पार्टी को नुकसान हुआ.

छठा- पश्चिम बंगाल में बीजेपी ममता बनर्जी के गढ़ को नहीं भेद पाई और ममता बनर्जी ने पिछली बार से भी ज्यादा सीटें जीतकर ये साबित किया कि पश्चिम बंगाल के लोगों का भरोसा अब भी उनके साथ है.

सातवां- इस खंडित जनादेश ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडु को अब किंगमेकर की भूमिका में ला दिया है. नीतीश कुमार की JDU को 12 और चंद्रबाबू नायडु की TDP को 16 सीटों पर जीत मिली है और इन दोनों नेताओं के पास अब 28 सीटें हैं.

Advertisement

आठवां- राजस्थान में विधानसभा के चुनाव जीतने के कुछ महीने बाद ही परिस्थितियां बदल गईं और 2019 में बीजेपी ने वहां 25 की 25 सीटें जीती थीं और उसके बाद पिछले साल विधानसभा का भी चुनाव जीता था. उसी राजस्थान में इस बार बीजेपी ने 14 और कांग्रेस ने 8 सीटें जीती हैं.

नौवां- बीजेपी ने विपक्षी दलों से आए जिन दल-बदलू नेताओं पर दांव लगाया, वो दांव नाकाम हो गया और महाराष्ट्र में अजित पवार और एकनाथ शिंदे जैसे सहयोगी भी NDA को लाभ नहीं पहुंचा पाए.

दसवां- बड़ा पॉइंट ये है कि बीजेपी को अब भी चुनाव जीतने के लिए RSS की जरूरत है. और वो RSS की संगठन शक्ति को दरकिनार नहीं कर सकती है.

यह भी पढ़ें: प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ाने का सही समय आ गया है, लेकिन कहां से?

सबकी हुई जीत

इन चुनावी नतीजों में सबकी जीत हुई है. EVM की भी जीत हुई है. लोकतंत्र की भी जीत हुई है. विपक्ष की भी जीत हुई है और सरकार की भी जीत हुई है और इस चुनाव में कोई हारा ही नहीं है. इन नतीजों से दो और बातें पता चलती हैं.

पहली- बीजेपी और NDA को दलित, महिला और युवा वोटों का जबरदस्त नुकसान हुआ है. दूसरा- जिन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार नामांकन भरने के बाद बीजेपी में शामिल हुए, वो चीजें वोटर्स को अच्छी नहीं लगी. उदाहरण के लिए, इंदौर में जहां वोटिंग से पहले कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बीजेपी में शामिल हो गए थे, वहां 2 लाख 18 हजार लोगों ने NOTA को वोट दिया है.

Advertisement

और आखिर में इन नतीजों का पूरा निष्कर्ष इस एक लाइन में छिपा है और वो लाइन है, जो जीता, वही सिकंदर. विपक्ष के इंडिया गठबंधन ने शानदार लड़ाई लड़ी लेकिन सरकार बनाने के लिए 272 सीटों का जो बहुमत चाहिए, वो उसके पास अब भी नहीं है. जबकि बीजेपी को इन चुनावों में बड़ी हार मिली लेकिन इसके बावजूद NDA गठबंधन के पास आज स्पष्ट बहुमत है और इसीलिए इन नतीजों में बीजेपी हार कर भी सिकंदर बन जाएगी और विपक्ष अच्छा प्रदर्शन करके भी सरकार नहीं बना पाएगा.

यह भी पढ़ें: आखिर 2024 के चुनाव में कांग्रेस क्यों नहीं लगा पाई शतक, एक सीट से पिछड़ने की ये है बड़ी वजह

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement