तिहाड़ जेल में शीशे के पार दो मुख्यमंत्रियों की मुलाकात हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की जेल में ये पहली मुलाकात थी - अरविंद केजरीवाल का तो नहीं पता, लेकिन भगवंत मान अपने नेता से मिलकर काफी भावुक हो गये थे.
दिल्ली शराब नीति केस में ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, फिलहाल वो न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं. आम आदमी पार्टी की तरफ से ये तो पहले से ही बताया जाता रहा है कि जेल में होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल को अपनी से ज्यादा दिल्ली के लोगों की ही फिक्र है - और भगवंत मान के जरिये अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के लोगों का हाल भी पूछा है.
भगवंत मान के साथ आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक भी मिलने के लिए तिहाड़ जेल गये थे - और मुलाकात के बाद बताया है कि अरविंद केजरीवाल को जेल में भी अपनी नहीं बल्कि जनता की चिंता है.
बकौल संदीप पाठक, जेल में मुलाकात के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा है, मेरी चिंता मत करो, मैं संघर्ष के लिए तैयार हूं... मेरा पूरा जीवन जनता के लिए संघर्षमय रहा है... आगे भी संघर्ष ज़ारी रहेगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जेल में हार्ड-कोर क्रिमिनल वाली सहूलियतें भी अरविंद केजरीवाल को नहीं मिल रही. भगवंत मान ने बताया कि शीशे के पार फोन पर बात कराई गई.
और इसके साथ ही, संदीप पाठक ने ये भी बताया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से ही अपनी सरकार चला रहे हैं.
इस बीच, राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है. और सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 29 अप्रैल मुकर्रर हुई है - और दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 'जेल का जवाब वोट से' कैंपेन भी जारी है.
तिहाड़ से केजरीवाल कैसे चला रहे हैं सरकार
आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक के अनुसार, दिल्ली सरकार जेल से ही चल रही है.
संदीप पाठक ने बताया है, अगले हफ्ते से कैबिनेट मंत्री जेल में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे... इस मीटिंग में मंत्री अपने विभागों का लेखा जोखा देंगे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से निर्देश लेंगे.
संदीप पाठक के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सभी विधायकों को मैसेज दिया जाये कि वे अपने इलाके में हर घर में जाकर लोगों से बात करें, और उनकी तकलीफ दूर करें.
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को ये भी आश्वस्त किया है कि महिलाओं को एक हजार रुपये की सम्मान राशि योजना बाहर आते ही लागू करेंगे.
जब संदीप पाठक ने अरविंद केजरीवाल से उनकी सेहत के बारे में पूछा, तो वो बोले, मेरी छोड़ो... ये बताओ कि दिल्ली की जनता कैसी है?
और फिर अरविंद केजरीवाल ने कई छोटी छोटी जानकारियां लीं. मसलन - क्या जनता को अभी भी मुफ्त बिजली मिल रही है? क्या अस्पतालों में दवाइयां मिल रही है? क्या महिलाओं का मुफ्त बस सफर जारी है?
जेल से सरकार चलाने को लेकर संदीप पाठक का कहना है कि सबका काम बंटा हुआ है, और पार्टी भी पूरे रफ्तार से दौड़ रही है... सभी लोग और ज्यादा मोटिवेटेड हैं.
जेल में भगवंत मान को भी मिला दिशानिर्देश
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि अरविंद केजरीवाल से जेल में मुलाकात तो हुई लेकिन शीशे के पार, और बात भी फोन पर ही हो सकी. अधिकारियों का कहना है कि जेल मैनुअल के अनुसार मुलाकात कराई जा रही है.
जैसे दिल्ली के लोगों को लेकर अरविंद केजरीवाल ने संदीप पाठक से सवाल पूछे थे, वैसे ही पंजाब के लोगों का हाल दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भगवंत मान से जानने की कोशिश की.
भगवंत मान बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल से वो उनकी सेहत के बारे में जानना चाह रहे थे. असल में, भगवंत मान ने बताया, शीशा गंदा था इसलिए वो साफ साफ नहीं देख पा रहे थे.
सेहत के बारे में पूछे जाने पर अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान से कहा, मेरी चिंता मत करो... बताओ पंजाब की स्थिति कैसी है? वहां सुविधाएं मिल रही है कि नहीं?
भगवंत मान ने अरविंद केजरीवाल को बताया कि पंजाब में सब ठीक चल रहा है. अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों के लिए कहा है कि वे उनकी चिंता छोड़ दें और सिर्फ लोगों की फिक्र करें.
मंत्री के इस्तीफे की कोई चर्चा नहीं हुई
क्या तिहाड़ में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर बात हुई?
पूछे जाने पर संदीप पाठक का कहना था, मंत्री के इस्तीफे के मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई. बोले, कोई एक व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है इस संघर्ष में... कोई अगर सोचता है कि पार्टी तोड़ देगा तो ये दिवास्वप्न है.
बाकी बातें अपनी जगह है, लेकिन मंत्री के इस्तीफे पर चर्चा का कोई मतलब भी तो नहीं रह गया है. अब जेल के अंदर से अरविंद केजरीवाल न तो इस्तीफे पर कोई एक्शन ले सकते हैं, न ही किसी और विधायक को मंत्री बनाने की सिफारिश कर सकते हैं.
बेशक अरविंद केजरीवाल अब भी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, और भगवंत मान पंजाब के - लेकिन दोनों की मुलाकात दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में नहीं हुई है, बल्कि ये एक निजी मुलाकात थी.
जाहिर है, दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री भी अरविंद केजरीवाल से निजी हैसियत से ही जेल जाकर मुलाकात करेंगे - जहां अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में बंद एक कैदी के रूप में मौजूद होंगे.
और ऐसी ही मुलाकातों के लिए अरविंद केजरीवाल ने अगले हफ्ते से अपने मंत्रियों को तिहाड़ की 'मुलाकात खिड़की' पर तलब किया है - और इसी विंडो मीटिंग को आम आदमी पार्टी की तरफ से कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री की मीटिंग के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.
फिर तो ये समझाना ही मुश्किल है कि जब मुलाकात शीशे के पार ही हो रही है, तो मंत्रियों को बुलाकर अरविंद केजरीवाल कैसी बैठक करेंगे? सब कुछ सीसीटीवी की निगरानी में चल रहा होगा. मुलाकात भले ही निजी हो, लेकिन उस दौरान दोनों के बीच इंटरकॉम पर जो बातचीत होती होगी, वो तो निजी होगी नहीं. सार्वजनिक ही होगी.
क्या पद और गोपनीयता की शपथ ले चुके एक मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री की बातचीत ऐसे सार्वजनिक रूप से होना ठीक है? हाल चाल, पब्लिसिटी और प्रोपेगैंडा की बात और होती है - लेकिन ऐसे जेल से सरकार चलाने का मतलब ही क्या रह जाता है?
मृगांक शेखर