ओडिशा के गजपति जिले में तेंदुए के अवैध शिकार मामले में वन विभाग ने जांच तेज कर दी है. सोमवार को विशेष टीम ने गोंछागुड़ा गांव में छापेमारी कर दो और आरोपियों सुखदेव मलिक (25) और लुलु मलिक (29) को गिरफ्तार किया. इससे पहले रविवार को गंजाम जिले के घुमुसर नॉर्थ डिवीजन के गुंडुरुबाड़ी क्षेत्र से तेंदुए की खाल बरामद की गई थी. अब तक इस मामले में कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी भी शामिल है.
वन अधिकारियों ने आरोपियों के पास से चार तेंदुए के दांत, तीर-धनुष, सिंगल शॉट बंदूक, जानवरों को फंसाने के उपकरण और खून से सना हसिया बरामद किया. अधिकारियों का कहना है कि जब्त किए गए दांत और खाल उसी तेंदुए से जुड़े हो सकते हैं जिसकी हाल ही में शिकार कर हत्या की गई थी.
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डीएफओ हिमांशु शेखर मोहंती ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि करीब एक महीने पहले तेंदुए की गोली मारकर हत्या की गई थी. जब्त किए गए अंग और सबूतों को डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भुवनेश्वर स्थित ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (OUAT) के सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ भेजा जाएगा. इससे यह साफ हो सकेगा कि खाल, दांत और अन्य अंग एक ही तेंदुए के हैं या नहीं.
वन विभाग का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, इसलिए जांच जारी है. अधिकारियों ने कहा कि बरामद किए गए हथियार और उपकरण भी फॉरेंसिक जांच के दायरे में लिए गए हैं. तेंदुए का शिकार वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत गंभीर अपराध है और दोषियों को कड़ी सजा का प्रावधान है.
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