मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लव जिहाद और गैंगरेप से जुड़ा बड़ा मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पर संज्ञान लिया है. एक निजी कॉलेज में मुस्लिम युवकों के गिरोह द्वारा हिंदू छात्राओं को प्रेम जाल में फंसा कर दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और धर्मांतरण के लिए दबाव बनाए जाने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने एक तीन सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया है जो 3 मई से 5 मई तक भोपाल दौरे पर रहेगी और पीड़ित छात्राओं, परिजनों और अधिकारियों से मुलाकात कर रिपोर्ट तैयार करेगी.
जांच समिति की अध्यक्ष झारखंड की पूर्व डीजीपी निर्मल कौर होंगी. साथ में जबलपुर हाईकोर्ट की अधिवक्ता निर्मला नायक और महिला आयोग के अवर सचिव आशुतोष पांडे सदस्य होंगे. यह समिति सभी पक्षों से जानकारी लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट महिला आयोग को सौंपेगी.
यह भी पढ़ें: भोपाल में 'लव जिहाद' से बचने की पाठशाला, हिंदू युवतियों को सिखाए जा रहे सतर्क रहने के तरीके
जानकारी के मुताबिक, मुख्य आरोपी फरहान अली, अली, साहिल खान समेत अन्य ने कॉलेज में पहचान छिपाकर छात्राओं को झूठे प्रेम में फंसाया और फिर उनके साथ दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो बनाए. इन वीडियो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल कर उनसे अन्य लड़कियों को भी साथ लाने का दबाव बनाया गया. पीड़िताओं के मुताबिक, आरोपियों ने उन्हें नशे की हालत में कई बार हवस का शिकार बनाया और मना करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी.
इस मामले में पीड़िताओं ने 11 अप्रैल को बागसेवनिया थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और फरहान अली को 25 अप्रैल को जेल से ही रेप केस में दोबारा गिरफ्तार किया गया. 28 अप्रैल को अली को भी पुलिस ने भोपाल से पकड़ा. पुलिस ने अब तक आरोपियों के मोबाइल से कई आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए हैं, जिनमें से अधिकांश डिलीट किए गए थे. इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.
यह भी पढ़ें: भोपाल में हिंदू लड़कियों से रेप पर उबाल... कोर्ट में वकीलों ने आरोपियों को पीटा, पुलिस ने सड़क पर लगवाई उठक-बैठक
आरोपियों की करतूतों से आक्रोशित लोगों ने अदालत परिसर में जमकर विरोध किया. जब आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया तो गुस्साए वकीलों ने उनकी पिटाई कर दी, जिससे उनके कपड़े तक फट गए. पुलिस ने बड़ी मशक्कत से उन्हें बचाया. मेडिकल के लिए जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब भी हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया.
फिलहाल, सभी आरोपियों के खिलाफ POCSO अधिनियम, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस को आशंका है कि अभी और पीड़िताएं सामने आ सकती हैं, इसलिए कॉलेज की छात्राओं की काउंसलिंग भी करवाई जा रही है.
अमृतांशी जोशी