मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में वितरित होने वाली राशन सामग्री में प्रदेश में उत्पन्न होने वाले ज्वार, बाजरा, रागी जैसे श्रीअन्न को शामिल किया जाए. इसके लिए स्थानीय किसानों से अनाज लेने और प्रक्रिया में स्व-सहायता समूहों को जोड़ने पर विचार किया जाए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जिन्हें पर्ची जारी की गई है, वह योजना के लिए पात्र हैं या नहीं इसका भी सर्वे कराया जाए. CM मोहन यादव ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए.
CM यादव ने कहा कि नापतौल विभाग के अमले की यूनिफॉर्म तय की जाए. अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि में इस संबंध में जारी व्यवस्था के आधार पर प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए. उन्होंने पाइप लाइन द्वारा रसोई गैस उपलब्ध कराने संबंधी गतिविधि के लिए राज्य स्तर पर गैस कार्पोरेशन गठित करने की आवश्यकता बताई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में भी गैस उपयोग की संभावना है, अत: इसकी आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाई जाए. अन्य राज्यों में इस संबंध में लागू व्यवस्था का भी अध्ययन किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलहन उत्पादन को प्रोत्साहन करने के लिए नीति बनाई जाए साथ ही भू-जल भंडारण के संरक्षण और बिजली की बचत को दृष्टिगत कर बिना मौसम की धान और मूंग के उत्पादन को हतोत्साहित किया जाए. इसके लिए किसानों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किसान सम्मेलन और कृषि विशेषज्ञों के साथ परिचर्चाएं आयोजित की जाएं.
मीटिंग में खाद्य सुरक्षा अधिनियम, फोर्टिफाईड चावल, शक्कर और नमक वितरण, अनुसूचित जाति, जनजाति विद्यार्थियों को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने, वन नेशन वन राशन कार्ड, प्रधानमंत्री राशन आपके ग्राम योजना, मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, महिलाओं को 450 रूपए में गैस रिफिल उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री जनमन मिशन, गेहूं उपार्जन की स्थिति और लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए जारी गतिविधियों पर चर्चा हुई.
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