मध्य प्रदेश के सागर से मारपीट का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. डॉ. हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को क्लास टाइम को लेकर दो महिला असिस्टेंट प्रोफेसरों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई. यह विवाद असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट और असिस्टेंट प्रोफेसर संचिता मीणा के बीच हुआ.
जानकारी के मुताबिक, दिव्या भनोट छात्रों की प्रेजेंटेशन ले रही थीं और समय तय सीमा से आगे बढ़ गया. इसी दौरान संचिता मीणा क्लास में पहुंचीं और उन्होंने बेहद खराब तरीके से उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या भनोट कहा कि यह उनका पीरियड है. संचिता मीणा के खराब बर्ताव के चलते दोनों बीच कहासुनी शुरू हो गई. आरोप है कि संचिता मीणा ने दिव्या भनोट को उनके रूम में घुसकर मारा.
दो असिस्टेंट प्रोफेसर के बीच मारपीट
दिव्या भनोट ने बताया कि मैंने समझाया कि प्रेजेंटेशन चल रही थी, इसलिए समय का ध्यान नहीं रहा. लेकिन बाहर आने पर संचिता ने बदतमीजी की और कमरे का दरवाजा इतनी जोर से बंद किया जिससे उनके माथे पर चोट लगा गई. फिर उन्होंने मेरे सिर पर जोर से मुक्का मारा. इसके बाद वो किसी तरह से अस्पताल पहुंची और बेहोश हो गईं. जहां उन्हें एक इंजेक्शन देने के बाद देलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. दिव्या भनोट का कहना है कि कॉलेज प्रशासन और पुलिस को इस मामले की गहराई से जांच करने की मांग की है.
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में जब असिस्टेंट संचिता मीणा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इस घटना के बाद डॉ. हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में तनाव का महौल है. कुछ फैकल्टी मेंबर्स का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर संचिता मीणा की पीएचडी पूरी नहीं हुई है. बावजूद कॉलेज प्रशासन उनके नाम के आगे डॉक्टर लिखता है. जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
वहीं, सिविल लाइन थाना प्रभारी आनंद सिंह ने बताया कि संचिता मीणा की शिकायत पर दिव्या भनोट के खिलाफ BNS की धारा 296, 115(2), 392, 351 और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. शिकायत में कहा गया कि समय से ज्यादा पढ़ाने पर आपत्ति जताने पर दिव्या भनोट ने मारपीट की. घटना के बाद यूनिवर्सिटी में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और मामले की जांच जारी है.
हिमांशु पुरोहित