इंदौर में आदिवासी संगठन का हल्लाबोल, चूहों के काटने से 2 बच्चों की मौत मामले में FIR की मांग

MY अस्पताल प्रशासन के अनुसार, दोनों शिशुओं की मौत अन्य स्वास्थ्य कारणों से हुई. जिनमें से एक आदिवासी परिवार से था और दूसरा अल्पसंख्यक समुदाय से था. 

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MYH के बाहर जयस का प्रदर्शन. (Photo:X/@Radhejat1983) MYH के बाहर जयस का प्रदर्शन. (Photo:X/@Radhejat1983)

aajtak.in

  • इंदौर,
  • 22 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

मध्य प्रदेश में एक आदिवासी संगठन ने इंदौर के सरकारी महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MYH) में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. चूहों के कुतरने से हुई दो नवजात बच्चियों की मौत के मामले में बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है.

जय आदिवासी युवा शक्ति के सदस्यों ने रविवार को अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया और एमवायएच के मुख्य द्वार पर बैठ गए. प्रदर्शनकारियों ने कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और एमवायएच के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने दोनों वरिष्ठ डॉक्टरों को निलंबित करने और उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की.

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आदिवासी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा ने कहा, "जब तक डीन और अस्पताल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, चूहों द्वारा कुतर दिए गए दोनों नवजात शिशुओं के परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा."

बता दें कि एमवायएच के आईसीयू में चूहों ने एक नवजात शिशु की उंगलियां कुतर दीं, जबकि दूसरे के सिर और कंधे पर काट लिया. ये घटनाएं 31 अगस्त और 1 सितंबर की दरम्यानी रात को हुईं और बाद में दोनों शिशुओं की मौत हो गई. 

एमवायएच के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. बसंत कुमार निंगवाल ने रविवार को कहा कि उन्होंने और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में धरने और नारेबाजी के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

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वहीं, लापरवाही के आरोपों को खारिज करते हुए, एमवायएच प्रशासन ने कहा कि इन मौतों का चूहों के काटने से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि ये जन्मजात विकृतियों के कारण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण हुई हैं.

इस घटना के सिलसिले में अब तक 8 अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और पद से हटाने सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है. अधीक्षक डॉ. अशोक यादव गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए लंबी छुट्टी पर चले गए हैं.

बता दें कि 75 साल पुराना एमवायएच मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है और यह इंदौर स्थित सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के अधीन है.

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