MP: चपरासी बना एक दिन का अफसर, गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माने का निकाला आदेश

मध्य प्रदेश के भिंड में ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने अपने दफ्तर के चपरासी को एक दिन के लिए अपना कार्यभार सौंप दिया. चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने कार्यभार संभालने के बाद स्कूल का दौरा किया और रजिस्टर चेक किया. इस दौरान आदेश निकाला कि सभी लोग समय से स्कूल आएं और दफ्तर में गंदगी फैलाने, नशा करने वालों पर 200 रुपए जुर्माना किए जाने का आदेश निकाला.

Advertisement
एक दिन के लिए ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर बने रमेश श्रीवास. एक दिन के लिए ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर बने रमेश श्रीवास.

रवीश पाल सिंह / हेमंत शर्मा

  • भिंड,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

मध्यप्रदेश के भिंड में ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने अपने दफ्तर में काम करने वाले चपरासी को एक दिन के लिए अपना कार्यभार सौंप दिया. कर्मचारी ने कार्यभार लेने के बाद अहम आदेश निकाला. एक दिन का अफसर बनने के बाद आदेश जारी किया कि दफ्तर में जो भी गंदगी करता हुआ पाया जाएगा या नशे में दफ्तर आएगा, उस पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.

Advertisement

भिंड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुदामा सिंह भदौरिया ने अपने दफ्तर में कार्यरत चपरासी रमेश श्रीवास को एक दिन के लिए बीईओ के रूप में कार्यभार सौंपा. हालांकि उनके पास प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार नहीं थे, क्योंकि इसकी लंबी प्रक्रिया होती है.

एक दिन के लिए ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर बनने वाले रमेश श्रीवास ने बताया कि उन्हें नौकरी करते हुए 37 साल हो गए, लेकिन उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें अफसर की कुर्सी पर बैठने का मौका मिलेगा.

कार्यभार लेने के बाद किया स्कूल का दौरा, चेक किया रजिस्टर

रमेश श्रीवास ने कहा कि मैं हर रोज दफ्तर में काम करने वाले स्टाफ की सेवा में लगा रहता हूं, लेकिन 1 दिन का ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर बनने के बाद मैंने उत्कृष्ट स्कूल का दौरा किया.

रमेश ने बताया कि स्कूल में निरीक्षण के दौरान रजिस्टर चेक किया. इसके साथ ही आदेश निकाला है सभी लोग समय से दफ्तर आएं. इसके अलावा मैंने दफ्तर में गंदगी करने वालों, यहां वहां थूकने वालों, सिगरेट पीने वालों और नशा करने वालों पर 200 रुपए जुर्माने का आदेश भी निकाला है.

Advertisement

'मन में यह भाव न रहे कि हम छोटे कर्मचारी हैं, इसलिए किया प्रयोग'

वहीं बीईओ भदौरिया ने कहा कि मैंने एक प्रयोग किया है. इसका उद्देश्य किसी भी कर्मचारी के मन में यह भाव न रहे कि हम छोटे कर्मचारी हैं. मेरा मानना है कि शासन-प्रशासन के द्वारा हम सभी पदस्थ कर्मचारियों को जो शक्तियां दी गई हैं, वह सभी के लिए अपने-अपने स्तर पर महत्वपूर्ण होती हैं. कर्मचारी और अधिकारियों के भेद को खत्म करने के मकसद से यह फैसला किया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement