'जब तक सड़कें हैं, गड्ढे होते रहेंगे...', MP के PWD मंत्री राकेश सिंह का बयान, कांग्रेस ने BJP सरकार को घेरा

MP PWD Minister on Potholes: मंत्री राकेश सिंह ने आगे कहा, ''मुझे ध्यान में नहीं आता कि दुनिया में कोई ऐसी सड़क भी है, जिसमें गड्ढा होता ही नहीं और ऐसी कोई तकनीक अभी पीडब्ल्यूडी के ध्यान में नहीं आई है.

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MP के PWD मंत्री राकेश सिंह. MP के PWD मंत्री राकेश सिंह.

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 10 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

मध्यप्रदेश की सड़कों में बारिश के दौरान हो चुके गड्ढों पर राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने अटपटा बयान दिया है. कहा कि बारिश में कौन-सी सड़क पर गड्ढे नहीं होते? हैवी रेन और हैवी ट्रैफिक से सड़कों पर गड्ढे होते हैं. अभी ऐसी कोई तकनीक नहीं आई है, जिसके आधार पर कह सकें कि हम ऐसी सड़क बनाएंगे जिस पर कभी गड्ढा होगा ही नहीं. जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे होते रहेंगे.

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PWD मंत्री सिंह ने आगे कहा, ''गलत तब है, जब चार साल तक खराब न होने वाली सड़क में 6 महीने में ही गड्ढे होने लग जाएं. लेकिन हम ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी करते हैं.''

राकेश सिंह ने कहा, ''मुझे ध्यान में नहीं आता कि दुनिया में कोई ऐसी सड़क भी है, जिसमें गड्ढा होता ही नहीं और ऐसी कोई तकनीक अभी पीडब्ल्यूडी के ध्यान में नहीं आई है. इसका मतलब यह नहीं कि सड़कों पर गड्ढे होना चाहिए. सड़कों की क्वालिटी पर ध्यान दिया जाना जरूरी है और इसलिए हम कई बदलाव कर रहे हैं जिससे बेहतर सड़कें बनाई जा सकें. 

इसके लिए पीडब्लूडी ने तय किया है कि सड़क बनाने में इस्तेमाल होने वाला बिटुमिन अब स्थानीय स्तर पर नहीं खरीदा जा सकेगा और सिर्फ भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम से ही बिटुमिन खरीदी होगी. जब बिटुमिन निकलेगा तो डिजिटल लॉक के साथ निकलेगा. जिस क्षेत्र के लिए बिटुमिन जाएगा, वहां के सब-इंजीनियर के मोबाइल पर ओटीपी आएगा और ओटीपी डालने के बाद ही डिजिटल लॉक खुलेगा और बिटुमिन अनलोड किया जा सकेगा, इससे गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी.''

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वहीं, सीधी ज़िले में लीला साहू के वायरल हो रहे वीडियो पर मंत्री राकेश सिंह ने कहा, ''ऐसे कई मामले हैं जहां सड़क की डिमांड है. पीडब्ल्यूडी या किसी भी विभाग के पास इतना बजट नहीं होता कि किसी की एक पोस्ट पर हम सीमेंट कंक्रीट लेकर या डंपर लेकर सड़क बनाने पहुंच जाएं. कौन सी सड़क कौन बनाएगा, इसकी व्यवस्था तय है. विभाग की अपनी सीमाएं होती हैं.''

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