'जब मंत्री के साथ ऐसा किया तो फिर अफसरों पर कितना दबाव बनाते होंगे', ग्वालियर के रेस्टोरेंट में बवाल पर नरेंद्र शिवाजी पटेल की सफाई

मध्य प्रदेश के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने अपने दावे में कहा, "मैं रूटीन चेकअप के लिए रेस्टोरेंट गया था. कुछ सैंपल उसी समय फेल हो गए, जिसके बाद रेस्टोरेंट के स्टाफ ने बदतमीजी शुरू कर दी." 

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ग्वालियर रेस्टोरेंट विवाद: मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने दी सफाई. ग्वालियर रेस्टोरेंट विवाद: मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने दी सफाई.

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल/ग्वालियर,
  • 05 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

ग्वालियर के एक रेस्टोरेंट में टेबल न मिलने पर हुए हंगामे और फूड सेफ्टी टीम की कार्रवाई के बाद विवाद गरमा गया है. इस मामले में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने अपनी सफाई दी है और इसे रूटीन चेकिंग का हिस्सा बताया.
 
aajtak से फोन पर बात करते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा, "मैं रूटीन चेकअप के लिए रेस्टोरेंट गया था. कुछ सैंपल उसी समय फेल हो गए, जिसके बाद रेस्टोरेंट के स्टाफ ने बदतमीजी शुरू कर दी." 

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उन्होंने आगे कहा, "मैं जहां भी जाता हूं, अपने विभाग से जुड़े दफ्तरों और प्रतिष्ठानों पर जांच करता आया हूं. हैरानी की बात है कि होटल का स्टाफ एक मंत्री के साथ इस तरह का व्यवहार कर सकता है, तो हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कितना दबाव बनाता होगा."

'मैंने कई जगह की है जांच'
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने मीडिया को स्पष्ट किया कि यह पहला मामला नहीं है. मैंने ग्वालियर में कई अन्य जगहों पर भी जांच करवाई है. कल ही एक एम्बुलेंस में मरीज की जगह यात्री दिखे, तो उसे थाने पर खड़ा करवाया. मैं भोपाल से अपने क्षेत्र जाता हूं और रास्ते में कुछ अवैध देखता हूं, तो पहले भी कई बार कार्रवाई करवा चुका हूं. यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा."

'मेरे खिलाफ जबरदस्ती गलत बातें फैलाई जा रही हैं'
मंत्री ने ग्वालियर की घटना पर कहा, "जो हुआ, उसे जबरदस्ती मेरे खिलाफ पेश किया जा रहा है. मैंने वहां अपने सामने जांच करवाई, बस." उन्होंने दावा किया कि यह उनकी नियमित कार्यशैली का हिस्सा है और इसमें कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं थी.

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क्या है पूरा मामला
रविवार रात मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के विवाह समारोह में शामिल होने के बाद ग्वालियर के सिटी सेंटर स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे. रविवार होने और भीड़ के कारण सभी टेबल बुक थीं. स्टाफ ने जब उनसे बुकिंग का नाम पूछा, तो विवाद शुरू हो गया. इसके बाद मंत्री और उनके पीएसओ किचन में पहुंचे, जहां स्टाफ के साथ तीखी बहस और कथित धक्का-मुक्की हुई.

मंत्री ने तत्काल फूड सेफ्टी टीम को बुलाकर सैंपलिंग शुरू करवा दी, जिसमें एक तेल का सैंपल तुरंत फेल हो गया. पुलिस ने रेस्टोरेंट मालिक को हिरासत में लिया, लेकिन व्यापारियों और चेंबर ऑफ कॉमर्स के दबाव के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. सीसीटीवी फुटेज में मंत्री के पीएसओ को स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की करते और बाद में स्टाफ को माफी मांगते देखा गया.

विपक्ष का हमला
कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस घटना पर तंज कसते हुए X पर लिखा, "मध्य प्रदेश का किसान खाद के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहता है, लेकिन सरकार को फर्क नहीं पड़ता. लेकिन जब एक मंत्री को होटल में टेबल नहीं मिली, तो पूरा प्रशासन दौड़ पड़ा. क्या यही है जन सेवा?"

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व्यापारियों का विरोध
मध्य प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने घटना की निंदा की और कहा, "यह गलत है. हम इसकी शिकायत करेंगे और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करेंगे." रेस्टोरेंट मालिक और स्टाफ ने आरोप लगाया कि मंत्री और उनके पीएसओ ने बदतमीजी की और मारपीट की.

जांच जारी
फूड सेफ्टी अधिकारी ने बताया कि सैंपलिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम परिणाम सामने आएंगे. पुलिस और प्रशासन इस मामले की जांच कर रहे हैं, और सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है.
 

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