MP में ‘जानलेवा’ कफ सिरप का कहर जारी! छिंदवाड़ा के बाद बैतूल में 2 बच्चों ने गंवाई जान, अब तक 16 की मौत

मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस दवाई का कहर अब बैतूल में बरपा है. जहां खांसी की सिरप पीने से 2 बच्चों की मौत हो गई. इससे पहले छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत हो चुकी है. छिंदवाड़ा के एडीएम धीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) भी गठित की गई है, जो तमिलनाडु के लिए रवाना होगी. वहां जाकर दवा की सप्लाई चेन और निर्माण प्रक्रिया की जांच की करेगी.

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कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश में कुल 16 बच्चों की मौत हो चुकी है (Photo: ITG) कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश में कुल 16 बच्चों की मौत हो चुकी है (Photo: ITG)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 05 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

मध्य प्रदेश में 'जानलेवा' कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. छिंदवाड़ा के बाद अब बैतूल जिले में भी 2 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है. दोनों बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हुई. जानकारी के मुताबिक, दोनों बच्चों का इलाज डॉ. प्रवीन सोनी ने किया था. दोनों बच्चों को कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप दी गई थी. बता दें कि बैतूल के पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा में खतरनाक कफ सिरप पीने से कुल 14 बच्चों की मौत हो चुकी है. 

छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. एडीएम धीरेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक 14 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों में मुआवजा स्वीकृत कर दिया गया है और राशि परिजनों के खातों में पहुंच चुकी है. इसके अलावा छिंदवाड़ा के 8 बच्चे नागपुर अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी स्थिति पर नज़र रखने के लिए प्रशासन स्तर पर एक टीम गठित की गई है, जिसमें डॉक्टर और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट शामिल हैं.

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एडीएम सिंह ने बताया कि ड्रग कंट्रोलर की टीम भी बनाई गई है, जो प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ कफ सिरप की तलाश में छापेमारी और जब्ती कर रही है. साथ ही इस मामले की गहराई से जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) भी गठित की गई है, जो तमिलनाडु जा रही है, ताकि दवा की सप्लाई चेन और निर्माण प्रक्रिया की जांच की जा सके. प्रशासन ने कहा कि जांच पूरी होने तक सिरप से जुड़ी हर खेप पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. 

जबलपुर में कोल्ड्रिफ सिरप का गोदाम सील

वहीं, जबलपुर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने जबलपुर स्थित कातारिया फार्मास्युटिकल्स के डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम को सील कर दिया है. नायब तहसीलदार आदर्श जैन ने बताया कि जांच में पाया गया कि खांसी की यह सिरप यहीं से सप्लाई की गई थी. ये कंपनी के अधिकृत वितरक है. कलेक्टर और एसडीएम के निर्देश पर जिस गोदाम में सिरप का स्टॉक रखा गया था, उसे सील कर दिया गया है.

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वहीं ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीन पटेल ने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप का पूरा स्टॉक तत्काल प्रभाव से फ्रीज़ कर दिया गया था और सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. रिपोर्ट में सिरप को सबस्टैंडर्ड (मानक से नीचे) पाया गया है, इसके बाद कार्रवाई और तेज़ की गई और दवा की जब्ती की गई है. अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है और प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस ब्रांड की सिरप की ट्रेसिंग और सैंपलिंग की जा रही है.

कफ सिरप में 48.6% डायथेनॉल मिला: डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला 

रीवा में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि शुरुआती तीन दवाओं की जांच में कोई विषैला पदार्थ नहीं मिला, लेकिन तमिलनाडु के कारखाने से आई सिरप की रिपोर्ट देर रात आने के बाद मौत का कारण सामने आया. इसमें 48.6% डायथेनॉल पाया गया है, जो कि एक सख्त प्रतिबंधित केमिकल है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में तुरंत इस कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जबलपुर में इस सिरप के सबसे बड़े स्टॉकिस्ट का गोदाम सील कर दिया है और आदेश दिया गया कि तब तक कोई दवा नहीं बेची जाएगी जब तक रिपोर्ट नहीं आती. जैसे ही रिपोर्ट आई, यह सिरप पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि प्रिस्क्रिप्शन लिखने वाले डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है और फैक्ट्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसके अलावा सेंट्रल ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु की फैक्ट्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. 

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