MP: कैलाश विजयवर्गीय की राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी, कांग्रेस ने घेरा

मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के नेता पर विवादित टिप्पणी की. बिना नाम लिए उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि पुराने जमाने में लोग बहन के गांव का पानी तक नहीं पीते थे, लेकिन आज के नेता चौराहे पर बहन को चुंबन कर लेते हैं. विजयवर्गीय ने इसे विदेशी संस्कृति का असर बताया.

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कैलाश विजयवर्गीय ने शाजापुर में विवादित टिप्पणी की (File Photo: PTI) कैलाश विजयवर्गीय ने शाजापुर में विवादित टिप्पणी की (File Photo: PTI)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शाजापुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक विवादित बयान दिया है. कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना विपक्ष के नेता पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम पुरानी संस्कृति के लोग हैं, पुराने जमाने में लोग अपनी बहनों के गांव का पानी तक नहीं पीते थे, लेकिन आज के हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं कि अपनी बहन को चौराहे पर चुंबन कर लेते हैं.

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विजयवर्गीय ने इसे भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जोड़ते हुए कहा कि आज जो आचरण देखने को मिल रहा है, वह विदेशी संस्कृति का असर है. भारत की पहचान हमारे संस्कारों और परंपराओं से है. देश इन्हीं मूल्यों से आगे बढ़ेगा, न कि विदेशी तौर-तरीकों से. 

हालांकि कैलाश विजयवर्गीय ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन 'प्रतिपक्ष के नेता' कहने पर इसे लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से जोड़कर देखा जा रहा है. कैलाश विजयवर्गीय जब ये बयान दे रहे थे, तब मंच पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और विधायक अरुण भीमावाद भी मौजूद थे.

कांग्रेस का पलटवार 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान दिया है, मां दुर्गा, मां शक्ति की उपासना के दिन चल रहे हैं. बहन-भाई का पवित्र रिश्ता क्या होता है, उस एहसास को पूरा देश जीता है. लेकिन कैलाश विजयवर्गीय की सोच, उनकी भाषा और भावना ऐसी है जिसे आज के समाज में व्यक्त नहीं कर सकते. कपड़े, शिक्षा और भाषा को लेकर वह महिलाओं और बेटियों का 100 बार अपमान कर चुके हैं. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को लेकर उनकी ये सोच है, इसका जवाब देने में भी हमें शर्म आती है.

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