भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने हालिया बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं. कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर टिप्पणी करने के बाद विपक्ष ने उन पर हमला बोला जिसके बाद अब उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.
बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने दी सफाई
विजयवर्गीय ने कहा, 'मैं किसी भी रिश्ते की पवित्रता पर प्रश्न चिह्न नहीं उठा रहा हूं, भाई-बहन और पिता-बेटी का रिश्ता पवित्र होता है. मैंने केवल मर्यादा की बात की थी. मेरे पूरे भाषण को अगर ध्यान से सुना जाता, तो यह सवाल ही खड़ा नहीं होता.'
उन्होंने आगे कहा कि भाई-बहन का रिश्ता प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. 'मैं भी अपनी बहन का सिर चूमता हूं, इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, मैंने तो भारतीय और विदेशी संस्कृति के फर्क को लेकर चर्चा की थी.'
गौरतलब है कि विजयवर्गीय ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान राहुल और प्रियंका गांधी को लेकर एक बयान दिया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया. कांग्रेस नेताओं और विपक्षी दलों ने इसे 'आपत्तिजनक' और 'अनुचित' करार दिया था.
विजयवर्गीय ने पहले क्या कहा था ?
हालांकि विजयवर्गीय ने दोहराया कि उनका उद्देश्य किसी के रिश्ते पर सवाल उठाना नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति में रिश्तों की मर्यादा और सम्मान को रेखांकित करना था. उन्होंने कहा था, 'हम पुरानी संस्कृति के लोग हैं, पुराने जमाने में लोग अपनी बहनों के गांव का पानी तक नहीं पीते थे, लेकिन आज के हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं कि अपनी बहन को चौराहे पर चुंबन कर लेते हैं.'
राजनीतिक गलियारों में इस बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर परिवार और व्यक्तिगत रिश्तों का अपमान करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा इसे विपक्ष द्वारा अनावश्यक विवाद खड़ा करने की कोशिश बता रही है.
रवीश पाल सिंह