मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बार फिर जानलेवा सेल्फी ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं. धुआंधार पर्यटन क्षेत्र में शादी की सालगिरह मनाने पहुंचे एक दंपति के लिए नर्मदा किनारे फोटो खिंचवाना भारी पड़ गया. फोटो लेते समय पत्नी का पैर फिसल गया और वह नर्मदा के तेज बहाव में बह गई. घटना के 24 घंटे बाद उसका शव बरामद हुआ.
इस हादसे से पूरे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है. 36 साल की स्वाती अपने पीछे पति आशीष गर्ग और 10 साल की मासूम बेटी को छोड़ गई है. घर में मातम पसरा हुआ है. परिजनों की आंखों में सिर्फ पछतावा नजर आ रहा है. पति आशीष गर्ग सदमे में हैं और कुछ भी बोलने की हालत में नहीं हैं.
यह भी पढ़ें: MP: जबलपुर में एक महिला ने दिया 5.2 Kg के नवजात को जन्म, डॉक्टर बोले- दुर्लभ मामला
शादी की सालगिरह मनाने गया था पूरा परिवार
परिजनों के मुताबिक, आशीष गर्ग ऑर्डनेंस फैक्ट्री में जूनियर वर्क्स मैनेजर के पद पर पदस्थ हैं. वह अपनी पत्नी स्वाती, मां और 10 साल की बेटी के साथ शादी की सालगिरह मनाने निकले थे. पहले उन्होंने त्रिपुर सुंदरी मंदिर में दर्शन किए और इसके बाद भेड़ाघाट क्षेत्र पहुंचे.
शाम का वक्त था और परिवार नर्मदा जलप्रपात के आसपास फोटो खिंचवाने में लगा हुआ था. इसी दौरान स्वाती भी चट्टान के पास फोटो निकलवा रही थी. अचानक उसका पैर फिसला और कुछ ही सेकंड में वह नर्मदा के तेज बहाव में बह गई. किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला.
24 घंटे बाद मिला शव, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
घटना के बाद तुरंत गोताखोरों की मदद से तलाश शुरू की गई. करीब 24 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद स्वाती का शव घाट के पास बरामद हुआ. शव मिलने की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया.
आशीष के पिता ने बताया कि पूरा परिवार खुश था और किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह खुशी इतनी बड़ी त्रासदी में बदल जाएगी. उनका कहना है कि वहां रेलिंग तो लगी थी, लेकिन किसी तरह का चेतावनी बोर्ड नजर नहीं आया, जिससे खतरे का अंदाजा हो सके.
पुलिस की अपील, लापरवाही न करें पर्यटक
पुलिस का कहना है कि पर्यटन क्षेत्रों में लगातार लोगों को जागरूक किया जाता है. धुआंधार और भेड़ाघाट जैसे इलाकों में गोताखोर भी तैनात किए गए हैं. इसके बावजूद लोग सोशल मीडिया पर फोटो और लाइक्स के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं.
पुलिस के मुताबिक, जागरूक करना ही उनका काम है, लेकिन पर्यटकों को भी सतर्क रहना होगा. थोड़ी सी लापरवाही जिंदगी भर का दर्द दे सकती है. इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर लोग चेतावनियों के बावजूद खतरे को क्यों नजरअंदाज करते हैं.
धीरज शाह