वन्यजीव अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता में मध्य प्रदेश के स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) की कोशिश से इंटरपोल ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर ढरके लामा उर्फ टरके लामा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है. नेपाल का रहने वाला आरोपी पिछले 10 वर्षों से फरार था.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ने बताया कि ढरके लामा के खिलाफ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम में बाघ के अवैध शिकार और बाघ की हड्डियों की चीन में तस्करी का केस 13 जुलाई 2015 को दर्ज किया गया था. STSFने इस मामले की गहन जांच करते हुए संगठित गिरोह के कुल 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
सरकार की ओर से बताया गया कि दिसंबर-2022 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नर्मदापुरम ने 29 आरोपियों को 5-5 वर्ष के कठोर कारावास और 7.10 लाख रुपये के जुमाने की सज़ा सुनाई थी.
9 साल बाद पकड़ा गया था ताशी शेरपा
इसी गिरोह से जुड़े एक और अंतर्राष्ट्रीय बाघ तस्कर ताशी शेरपा को भी 9 साल बाद यानी पिछले साल 24 जनवरी 2024 को भारत और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से गिरफ्तार किया गया था. ताशी शेरपा को भी 9 मई 2025 को 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई.
देश का पहला केस, जहां पूरा गिरोह हुआ दोषी
STSF के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह देश का पहला मामला है जिसमें शिकारियों, कूरियर, बिचौलिये और तस्करों सहित 28 व्यक्तियों के पूरे गिरोह को गिरफ्तार किया गया और दोषी ठहराया गया.
STSF ने जांच के दौरान आरोपियों के ब्रेन मैपिंग और नार्को एनालिसिस परीक्षण करवाए, जिससे महत्वपूर्ण सबूत मिले. जांच में इंटरपोल, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता भी ली गई. इंटरपोल STSF के कार्यों की चार बार तारीफ कर चुका है.
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