चूहे खा गए 75 साल पुराना पुल... इंदौर में शास्त्री ब्रिज का हिस्सा ढहने पर नगर निगम का हैरान करने वाला दावा, इंजीनियरों ने दावे को नकारा

IMC सदस्य का कहना है कि चूहों के प्रकोप से निपटने के लिए शास्त्री ब्रिज के फुटपाथ को सीमेंट-कंक्रीट की एक नई परत से मजबूत किया जा रहा है और नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे पुल पर बैठे जरूरतमंद लोगों को खाने-पीने की चीजें न दें, क्योंकि ये चीजें चूहों को आकर्षित करती हैं.

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75 साल पुराने ब्रिज में 5 फीट गहरा गड्ढा.(Photo:Screengrab) 75 साल पुराने ब्रिज में 5 फीट गहरा गड्ढा.(Photo:Screengrab)

aajtak.in

  • इंदौर ,
  • 05 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST

MP News: इंदौर में 75 साल पुराने एक ओवरब्रिज का एक हिस्सा ढह गया है. नगर निगम की महापौर परिषद के एक सदस्य ने इस पुल के ढहने के लिए चूहों के प्रकोप को जिम्मेदार ठहराया है. सिविल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि रखरखाव की कमी और यातायात में वृद्धि के कारण ऐसा हुआ.

मध्य प्रदेश के इस शहर की एक व्यस्त सड़क पर स्थित शास्त्री ब्रिज का एक हिस्सा रविवार को ढह गया, जिससे 5*7 फुट का गड्ढा बन गया. घटना के बाद, इंदौर नगर निगम (IMC) ने गड्ढे की मरम्मत शुरू कर दी है और पुल पर अतिरिक्त संरचनात्मक मरम्मत कार्य भी कर रहा है.

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IMC की महापौर परिषद में लोक निर्माण विभाग के प्रभारी राजेंद्र राठौर ने  बताया, "शास्त्री ब्रिज में कोई संरचनात्मक दोष नहीं है. हालांकि, इस पुल पर चूहों का आतंक है. बड़े चूहों ने फुटपाथ के पास कई बिल खोद लिए हैं, जिससे पुल खोखला हो गया है. इस वजह से पुल का एक हिस्सा धंस गया." उन्होंने बताया कि पुल की मरम्मत के लिए 40 लाख रुपये की लागत स्वीकृत की गई है.

अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत कार्य भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के मानकों और शहर के श्री जीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SGSITS) के सिविल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर किया जा रहा है. SGSITS एक सरकारी सहायता प्राप्त स्वायत्त संस्थान है. देखें Video:- 

इन विशेषज्ञों में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "शास्त्री ब्रिज के एक हिस्से का धंसना एक चेतावनी है. पुल पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है और यह घटना अपर्याप्त रखरखाव का नतीजा है. अकेले चूहे पुल में इतनी बड़ी दरार नहीं डाल सकते थे और यह घटना संरचनात्मक संकट का नतीजा है."

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उन्होंने सुझाव दिया कि मानकों के अनुसार, 25 वर्ष से अधिक पुराने हर पुल की मजबूती और भार वहन क्षमता का नियमित परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि दुर्घटनाओं की संभावना को समाप्त किया जा सके.

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