मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को राज्य के खंडवा जिले में मूर्ति विसर्जन त्रासदी में प्रशासनिक लापरवाही का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच की मांग की.
आदिवासी बहुल पडलफाटा गांव की 7 लड़कियों समेत ग्यारह श्रद्धालु गुरुवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान एक ट्रैक्टर ट्रॉली के तालाब में पलट जाने से डूब गए.
पडलफाटा का दौरा करने और शोक संतप्त परिवारों से मिलने के बाद, पटवारी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए.
पटवारी ने कहा, "इस दुर्घटना से पूरे राज्य में गहरा शोक व्याप्त है. हालांकि यह दुर्घटना कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही का पता लगाने के लिए न्यायिक जाँच होनी चाहिए जिसके कारण श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में पूरी तरह डूब गई."
पूर्व केंद्रीय मंत्री और खंडवा से पूर्व सांसद अरुण यादव ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से शोक संतप्त परिवारों की हर संभव मदद करने का आग्रह किया.
4-4 लाख का मुआवजा
बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि तथा घायलों को नजदीकी अस्पताल में समुचित उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि लगभग 3 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी 11 शव निकाल लिए गए हैं. गांव के कोटवार लोकेंद्र बारे ने बताया कि उसने ट्रैक्टर चालक को रपटे पर से वाहन निकालने से मना किया था, लेकिन मना करने के बावजूद उसने वाहन निकाल लिया, जिसके तुरंत बाद यह दुर्घटना हो गई.
कोटवार ने बताया कि ट्रैक्टर चालक शराब के नशे में प्रतीत हो रहा था. दुर्घटना के बाद ट्रैक्टर चालक घटनास्थल से फरार हो गया.
SDM पंधाना दीक्षा भगोरे ने बताया कि मृतकों में कु. आरती (18), दिनेश (13), उर्मिला (16), शर्मिला (15), गणेश (20), किरण (16), पाटली (25), रेवसिंह (13), आयुष (9), संगीता (16) और चंदा (8) शामिल हैं.
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