मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारी बारिश के बीच दर्दनाक हादसा हो गया. यहां जनकगंज थाना क्षेत्र की गेंडेवाली सड़क पर एक पुराने मकान की छत और छज्जा गिर गया. इस दर्दनाक हादसे में 16 साल की राधा और 35 साल के रितेश गुर्जर की मौके पर ही मौत हो गई. दोनों चचेरे भाई-बहन थे.
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और नगर निगम को सूचित किया. मौके पर फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम पहुंची और मलबा हटाने का काम शुरू किया गया. हालांकि, जब तक दोनों को निकाला गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. शवों को निकालकर जिला अस्पताल ले जाया गया.
घटना के बाद मृतकों के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा सके.
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हादसे के बाद कांग्रेस नेता सुनील शर्मा, क्षेत्रीय विधायक के पुत्र रिपुदमन सिंह उर्फ सागर तोमर, एसडीएम और सीएसपी ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली और परिजनों को सांत्वना दी.
यह हादसा एक बार फिर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. हर साल बारिश से पहले जर्जर मकानों की जांच और आवश्यक कार्रवाई की जाती है, लेकिन इस बार क्या तैयारी की गई थी? अगर समय रहते चेतावनी दी जाती या मकान को खाली कराया जाता, तो शायद दो जिंदगियां बचाई जा सकती थीं.
नगर निगम को चाहिए कि वह शहर में मौजूद सभी जर्जर मकानों की तत्काल सूची बनाकर उनकी जांच करे और लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों.
सर्वेश पुरोहित