नाक बहने और खून आने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरों से सलाह लें... शीतलहर से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी

शीत लहर ने इस बार लोगों का कंपा कर रख दिया है. मध्य प्रदेश में भोपाल संभाग राज्य में सबसे ठंडा रहा. राजधानी के मुकाबले उज्जैन और इंदौर संभाग में तापमान 5 डिग्री अधिक है. भोपाल में पारा 6.8 डिग्री पर रहा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Image Source: META AI) प्रतीकात्मक तस्वीर (Image Source: META AI)

aajtak.in

  • भोपाल ,
  • 13 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

मध्य प्रदेश में भोपाल संभाग राज्य में सबसे अधिक ठंडा रहा. राजधानी के मुकाबले उज्जैन और इंदौर संभाग में तापमान 5 डिग्री अधिक है. भोपाल में पारा 6.8 डिग्री पर रहा. शीतलहर ने इस बार लोगों का कंपा कर रख दिया है. इसके मद्देनजर सरकार की ओर से जरूरी अलर्ट जारी किया है. दिसंबर और जनवरी माह में सर्द हवाओं से सेहत पर गंभीर प्रभाव के मद्देनजर सावधानियों और तैयारियों के राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए हैं. 

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भी 'नेशनल गाइडलाइंस फॉर प्रिपरेशन ऑफ एक्शन प्लान - प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट ऑफ कोल्ड वेव एंड फ्रॉस्ट' जारी की गई है, जिससे शीतलहर से बचाव और प्रबंधन के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा सकें. 

इन दिशा-निर्देशों के तहत सभी संबंधित विभागों और अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. एमपी के आयुक्त स्वास्थ्य तरुण राठी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी अस्पतालों में शीतलहर से बचाव के लिए व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करेंगे. साथ ही शीतघात और हाइपोथर्मिया से पैदा स्वास्थ्य समस्याओं की त्वरित पहचान और प्राथमिक उपचार की समुचित व्यवस्था सभी अस्पतालों में करने के लिए कहा गया है. 

स्थानीय स्तर पर संचार माध्यमों से मौसम संबंधी पूर्वानुमानों के प्रति जागरूक रहने की नागरिकों को सलाह दी गई है:- 

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  • मौसम के पूर्वानुमानों का पालन करें. 
  • शीतलहर के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और घर के अंदर ही रहें. 
  • ठंड में लंबे समय तक बाहर न रहें. 
  • ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनकर सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को ढककर रखें. 
  • विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां खाएं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें.
  • आस-पड़ोस में रहने वाले वृद्धजनों और बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें. 
  • नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू और नाक से खून आने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरों की सलाह लें.

बंद कमरों में अंगीठी-कोयले का उपयोग न करें

  • कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का खतरा बंद कमरों में अंगीठी या फायर पॉट का उपयोग करने से होता है, जिससे जान का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए बंद कमरों में अंगीठी फायर पॉट का प्रयोग न करें. 
  • फ्रॉस्टबाइट के दौरान त्वचा सफेद या फीकी पड़ सकती है. कपकपी, मांसपेशियों में अकड़न, बोलने में कठिनाई, अधिक नींद आना, सांस लेने में कठिनाई और बेहोशी जैसे लक्षण दिख सकते हैं. यह एक मेडिकल इमरजेंसी है और इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 
  • हाइपोथर्मिया से प्रभावित व्यक्ति को तुरंत गर्म कपड़े पहनाएं और उसे गर्म स्थान पर रखें. कंबल, तौलिया या चादर से शरीर को ढकें. गर्म पेय पदार्थ देकर शरीर के तापमान को बढ़ाएं. लक्षणों के बढ़ने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता लें. 
  • शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर के तापमान को घटाता है और रक्त धमनियों में संकुचन करता है. फ्रॉस्टबाइट प्रभावित अंगों को रगड़ने से बचें, इससे और अधिक नुकसान हो सकता है. बेहोश व्यक्ति को तरल पदार्थ न पिलाएं.
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