मध्य प्रदेश के जबलपुर में पुलिस ने नकली भारतीय मुद्रा (FICN) छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने शनिवार को एक मकान पर छापा मारकर 18 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए और इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले की जानकारी सिटी एसपी (गोहलपुर) सुनील नेमा ने दी.
पुलिस के अनुसार, गिरोह 500 रुपये के नकली नोट बनाकर राज्यभर में असली नोटों से बदलकर मुनाफा कमा रहा था. इस गिरोह का मास्टरमाइंड नर्सिंहपुर निवासी ऋतुराज विश्वकर्मा है, जिसने पिछले एक महीने से अधारताल में एक किराए के मकान में नकली नोट छापने की फैक्ट्री चला रखी थी.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि ऋतुराज अपने साथियों को नकली नोट सप्लाई करता था, और ये आरोपी राज्यभर में घूमकर चार नकली नोट के बदले असली नोट हासिल करते थे. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि रवि दहिया नामक व्यक्ति के पास 2.94 लाख रुपये के नकली 500 के नोट हैं. उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की गई, जिसके बाद पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ.
अब तक की जांच में सामने आया है कि ऋतुराज ने अपने साथियों को 12 लाख रुपये के नकली नोट दिए थे और इसके बदले में उसने उनसे 3 लाख रुपये असली पैसे लिए थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 लाख रुपये मूल्य के नकली नोट, 1.94 लाख रुपये नकद, एक लैपटॉप, रंगीन प्रिंटर, कट्टर मशीन और A4 साइज़ के पेपर रोल बरामद किए हैं.
गिरफ्तार आरोपियों में ऋतुराज विश्वकर्मा और रवि दहिया के अलावा, जबलपुर निवासी धीरज बनवानी, गौरव तिवारी और जमना प्रसाद और मंडला जिले के संतोष श्रीवास्तव और अजय कुमार नावेरिया शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि एक आरोपी अभी फरार है जिसकी तलाश जारी है.
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