भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर आक्रोश... पीड़ितों ने उठाई आयोग बनाने की मांग, BJP पर 'निष्क्रियता' का आरोप

दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक आपदाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी (2-3 दिसंबर, 1984) पर मंगलवार को राजधानी में मशाल जुलूस और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं.

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गैस त्रासदी के पीड़ितों को दी गई श्रद्धांजलि.(Photo:PTI) गैस त्रासदी के पीड़ितों को दी गई श्रद्धांजलि.(Photo:PTI)

aajtak.in

  • भोपाल,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को मेडिकल केयर, मुआवजा और पुनर्वास देने के लिए एक सशक्त आयोग (Empowered Commission) गठित करने की मांग उठ है. भोपाल में तमाम संगठनों और कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि सभा के दौरान मध्य प्रदेश सरकार पर 'निष्क्रियता' का आरोप लगाया.

दरअसल, भोपाल में कई संगठनों ने विश्व के सबसे भयावह औद्योगिक हादसों में से एक की 41वीं बरसी पर मशाल जुलूस और मोमबत्ती जुलूस निकालकर, श्रद्धांजलि देकर गैस त्रासदी पीड़ितों को याद किया.

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2-3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसायनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग विकलांग हो गए थे.

सरकार ने राज्य की राजधानी में 3 दिसंबर यानी बुधवार को अवकाश घोषित किया है. स्कूल, कॉलेज, बैंक और सभी सरकारी कार्यालय बंद हैं. केंद्रीय पुस्तकालय के ‘बरकतुल्लाह भवन’ में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है जिसमें मंत्री विजय शाह भी शामिल होंगे.

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने इस आयोजन की आलोचना करते हुए कहा, ''सर्वधर्म सभा का विचार न केवल हास्यास्पद है, बल्कि पाखंड भी है. गैस पीड़ित हर रोज मर रहे हैं और सरकारी निष्क्रियता के कारण कष्ट झेल रहे हैं.''

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रचना ढींगरा ने कहा, ''गैस राहत अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, इसलिए साल भर पीड़ितों को मुफ्त और उचित इलाज से वंचित रखा जा रहा है. भोपाल गैस पीड़ितों के लिए आवंटित रोजगार और पेंशन के फंड का दुरुपयोग हो रहा है.जहरीला कचरा अब तक साफ नहीं किया गया है और अपराधी अभी भी खुले घूम रहे हैं.''

उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में पीड़ितों की परवाह करती है तो उसे भोपाल गैस त्रासदी पर एक सशक्त आयोग गठित करना चाहिए जो उचित चिकित्सा, मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित करे.

ढींगरा ने भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग पर भी आरोप लगाया कि उसने कभी उन इलाकों का दौरा तक नहीं किया जहां गैस पीड़ित रहते है. ।गैस पीड़ितों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संभावना ट्रस्ट क्लिनिक ने राजधानी के चोला गणेश मंदिर से मशाल जुलूस निकाला और पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी.

इससे पहले पीड़ित परिवारों ने यूनियन कार्बाइड की मौजूदा मालिक डाउ केमिकल का पुतला फूंका. संभावना ट्रस्ट क्लिनिक के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 26 हजार से अधिक गैस पीड़ितों का यहां इलाज हो चुका है.

भोपाल गैस पीड़ित औद्योगिक संघर्ष संगठन ने भी शाहजहांनी पार्क से मशाल जुलूस निकालकर गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. 41वीं बरसी पर भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में मोमबत्ती जुलूस रखा गया. 

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इसमें प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग यादव सहित अस्पताल स्टाफ मौजूद रहा. यह संस्थान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को व्यापक त्रि-स्तरीय सुपर-स्पेशियलिटी देखभाल प्रदान करने और आम जनता को भी सेवाएं देने के लिए स्थापित किया गया था.

सोमवार को गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए काम करने वाले चार संगठनों ने भाजपा के खिलाफ 'भोपाल पीड़ितों का चार्जशीट' जारी किया और आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में होने के बावजूद पार्टी ने अमेरिकी निगमों के हित में काम किया, न कि भारतीय नागरिकों के हित में.

हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पार्टी की सरकार ने भोपाल गैस पीड़ितों के मुद्दों चाहे कानूनी हों, इलाज से जुड़े हों या कोई अन्य को हमेशा प्राथमिकता और गंभीरता से लिया है. 

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