नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान छत्तीसगढ़ में शहीद हुए मध्य प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के पार्थिव शव को बालाघाट लाया गया. इस दौरान शहीद का चेहरा देख हर किसी की आंखें भर आईं. पुलिस लाइन में श्रद्धांजिल देने के दौरान बालाघाट एसपी आदित्य मिश्रा से लिपटकर हॉकफोर्स जवान रो पड़े और अपने सहकर्मियों को इस बिलखता देख पुलिस कप्तान भी फफक पड़े.
जब छोटे भाई अंकित शर्मा ने बड़े भाई को तिरंगे में लिपटा देखा तो वह भी साष्टांग होकर गिर पड़ा और दहाड़े मारकर रोने लगा. जांबाज की मौत पर रुदन-क्रंदन भरे इस दृश्य को देख श्रद्धांजलि सभा में मौजूद हर कोई खुद को रोने से रोक न सका.
7 नक्सालियों का एनकाउंटर करने वाले हॉक फोर्स के आइडियल कमांडो आशीष शर्मा की बहादुरी के किस्से पुलिस डिपार्टमेंट में प्रशिक्षुओं को सुनाए जाते हैं. महज 29 साल की उम्र में आशीष को दो बार गैलेंट्री अवॉर्ड मिल चुका और वह आउट ऑफ टर्न पुरस्कार तक पा चुके थे. उन्हें प्रमोट कर इंस्पेक्टर बनाया गया था.
शहीद आशीष शर्मा को श्रद्धांजिल देने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पहुंचे. बालाघाट में पदस्थ हॉकफोर्स इंस्पेक्टर आशीष शर्मा नरसिंहपुर जिले की तहसील गाडरवाड़ा के रहने वाले थे. परिवार में वह अपने पीछे माता पिता और भाई को छोड़ गए हैं.
CM मोहन यादव ने दुख जताते हुए X पर लिखा, '' हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए.मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं.मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के जंगलों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अभूतपूर्व वीरता और साहस का प्रदर्शन किया. नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा. उन्हें पूर्व में कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस, असाधारण बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए दो बार भारत सरकार द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था.
छोटे भाई को सरकारी नौकरी मिलेगी
CM यादव ने कहा कि नक्सलवादियों के खिलाफ केंद्रीय गृहमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित देशभर में लगातार कार्रवाई कर रही है. बुधवार को छत्तीसगढ़ में ज्वाइंट ऑपरेशन में केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के बहादुरी से वीरगति प्राप्त करने का दुखद समाचार मिला. हमारी सरकार शहीद के परिवार के लिए सभी प्रबंध करेगी. सरकार दुख की इस घड़ी में उनके साथ है. शहीद के परिजन को सम्मान निधि सहित सारी सुविधाएं भी देने के प्रयास करेंगे. हम शहीद के छोटे भाई को सरकारी नौकरी प्रदान करेंगे.
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