मध्य प्रदेश में दूषित Coldrif कफ सिरप से 22 बच्चों की मौत के बाद राज्य के ड्रग कंट्रोलर दिनेश श्रीवास्तव ने कैमरे पर दो बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने न सिर्फ इस मामले में हुई प्रशासनिक लापरवाही को कुबूल किया, बल्कि देश में ड्रग टेस्टिंग की मौजूदा प्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. ड्रग कंट्रोलर ने स्वीकार किया कि बच्चों की मौत से जुड़े सैंपल को लैब तक पहुंचाने में गलती हुई, जिस पर कार्रवाई की गई है.
ड्रग कंट्रोलर ने aajtak से खास बातचीत में कहा कि सैंपल भेजने में लापरवाही हुई है और इसी के चलते दोषियों को निलंबित किया गया है. उन्होंने बताया कि आमतौर पर सैंपल साधारण डाक से भेजे जाते हैं, लेकिन ऐसी आपात स्थितियों में उन्हें स्पेशल पर्सन डाक के माध्यम से भेजा जा सकता था, ताकि समय पर जांच हो सके.
उन्होंने बताया कि आगे से ऐसी गलती न हो, इसके लिए विभाग अब इमरजेंसी में स्पेशल पर्सन डाक का उपयोग करने के लिए एडवाइजरी जारी कर रहा है.
DEG जांच पर बड़ा खुलासा
इसके अलावा, ड्रग कंट्रोलर दिनेश श्रीवास्तव ने डाईएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की जांच की अनिवार्यता पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जिस घातक डाईएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) से 22 बच्चों की मौत हुई, उसे दवा में डालने के बाद फिनिश प्रोडक्ट में इसकी जांच पूरे देश में अनिवार्य नहीं है.
ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि वह केंद्र की संस्था फार्माकोपिया (Pharmacopoeia) को पत्र लिखकर अनुरोध करेंगे कि फिनिश प्रोडक्ट में DEG की जांच को अनिवार्य किया जाए.
उन्होंने बताया कि अगर फिनिश प्रोडक्ट की जांच अनिवार्य होती, तो कोल्ड्रिफ कफ सिरप के SR-13 बैच में ही 48.6 फीसदी जानलेवा जहर पकड़ा जाता और यह दुर्घटना नहीं होती.
ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि निर्यात किए जा रहे सिरप में DEG की जांच अनिवार्य है, लेकिन घरेलू सप्लाई के लिए नहीं, इसलिए यह पत्र लिखा जाएगा ताकि भविष्य में DEG के कारण ऐसी घटना न हो.
बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को छोड़ेगी नहीं सरकार: CM
प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 22 बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. कहा कि उनकी सरकार बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को नहीं बख्शेगी.
बता दें कि तमिलनाडु की एक दवा कंपनी Sresan फार्मा की कफ सिरप पीने के बाद किडनी खराब होने से 22 बच्चों की मौत हो गई. मृतकों में से अधिकांश मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के थे.
रवीश पाल सिंह