मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव गुरुवार को इंटरनेशनल चीता डे के मौके पर जिले के कूनो नेशनल पार्क में बाड़ों में रखे गए तीन चीतों को जंगल में छोड़ेंगे. कलेक्टर अर्पित वर्मा ने कहा कि जंगल में छोड़े जाने के बाद, ये चीते पूरी तरह से नेचुरल माहौल में रह सकेंगे.
एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (APCCF) और लायन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री मादा चीता वीरा और उसके दो 10 महीने के बच्चों को छोड़ेंगे.
यह इवेंट पारोंड फॉरेस्ट एरिया में होगा, जो कूनो नेशनल पार्क के अंदर एक खास टूरिज्म जोन है, जहां चीतों के परिवार की मौजूदगी से इकोटूरिज्म के मौके और प्रोजेक्ट चीता के साथ लोगों का जुड़ाव और बढ़ने की उम्मीद है.
कहा गया कि छोड़ने के बाद उनकी सुरक्षा और लैंडस्केप में सफलतापूर्वक घुलने-मिलने को पक्का करने के लिए एडवांस्ड रेडियो-ट्रैकिंग और डेडिकेटेड फील्ड टीमों के जरिए मॉनिटरिंग जारी रहेगी.
इस मौके पर, मुख्यमंत्री 2026 के लिए कूनो नेशनल पार्क कैलेंडर भी जारी करेंगे, साथ ही KNP में फ्री-रेंजिंग चीतों के क्लिनिकल मैनेजमेंट के लिए नया बनाया गया फील्ड मैनुअल भी जारी करेंगे.
इसके अलावा, यादव नई बनी सोविनियर शॉप का उद्घाटन करेंगे.
कलेक्टर अर्पित वर्मा और एसपी सुधीर अग्रवाल ने बुधवार को तैयारियों का रिव्यू किया और चीतों को छोड़ने की जगह का मुआयना किया.
शिवपुरी कलेक्टर रवींद्र चौधरी और एसपी अमन सिंह राठौर भी मौजूद थे.
इससे पहले अप्रैल में, मुख्यमंत्री ने कूनो नेशनल पार्क से दो चीतों को मंदसौर जिले के गांधी सागर सैंक्चुअरी में छोड़ा था.
महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का मकसद भारत में चीतों को फिर से बसाना है.
इस मकसद के लिए दक्षिण अफ्रीका, केन्या और बोत्सवाना से चीते लाए गए हैं. अप्रैल में जारी एक ऑफिशियल बयान के मुताबिक, अभी कूनो नेशनल पार्क में 26 चीते हैं.
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