मध्य प्रदेश: छतरपुर में मोमोज खिलाकर किया बेहोश, फिर पति ने दोस्तों संग मिलकर अपनी ही पत्नी के साथ किया घिनौना काम

छतरपुर में एक महिला ने अपने पति और उसके दो साथियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने उसे बेहोश कर सुनसान जगह ले जाकर गैंगरेप किया. घटना 9 सितंबर की रात सागर-कानपुर हाईवे पर हुई. एफआईआर दर्ज होने और मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि के बावजूद आरोपी फरार हैं.

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पुलिस ने अब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है. (Photo: ITG) पुलिस ने अब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है. (Photo: ITG)

लोकेश चौरसिया

  • छतरपुर,
  • 21 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने पति और उसके दो साथियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला का कहना है कि उसके पति ने पहले उसे बाजार से लाकर मोमोज खिलाए, जिससे उसकी तबीयत अचानक खराब हुई और वह बेहोश हो गई. इसके बाद पति और उसके दो दोस्तों ने उसे अगवा किया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया.

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पीड़िता का आरोप है कि घटना के दौरान उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे और वह पूरी तरह बेहोश थी. घटना 9 सितंबर की रात सागर-कानपुर हाईवे पर हुई. स्थानीय लोगों ने महिला को बेहोश अवस्था में सड़क किनारे पाया और तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया. महिला के होश में आने के बाद उसने पूरी घटना बताई.

इस गंभीर घटना की शिकायत महिला ने सिविल लाइंस थाना में दर्ज कराई, और तीन दिन बाद एफआईआर भी दर्ज की गई. हालांकि, इस पूरे हफ्ते में पुलिस आरोपी पति और उसके दो साथियों को पकड़ने में नाकाम रही. पीड़िता ने पुलिस को चेतावनी दी है कि आरोपी अब भी खुले घूम रहे हैं और उसके साथ अन्याय हो रहा है.

मेडिकल रिपोर्ट में हुई रेप की पुष्टि
मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन एक हफ्ते बीत जाने के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई. यह मामला महिला सुरक्षा और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है. छतरपुर की महिलाओं की सुरक्षा केवल कागजी वादों तक सीमित दिख रही है.

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थाना प्रभारी का टालमटोल रवैया
सिविल लाइंस थाने के प्रभारी वाल्मीक चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश जारी है और जांच की जा रही है. हालांकि जब आजतक ने उनसे संपर्क किया, तो उनका रवैया टालमटोल वाला नजर आया और आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया.

पुलिस-प्रशासन मौन
इस पूरे मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. महिला के आरोप बेहद गंभीर हैं और मेडिकल रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित दिख रही है. पीड़िता न्याय की मांग कर रही है.

यह मामला छतरपुर में महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरी चिंता पैदा करता है. ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई न होना न केवल पीड़िता के साथ अन्याय है, बल्कि समाज में डर और असुरक्षा की भावना भी पैदा करता है.

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