MP News: भोपाल में गैंग बनाकर हिंदू युवतियों से रेप और ब्लैकमेलिंग मामले में तीन मुख्य आरोपियों फरहान अली, साहिल और साद का जुलूस निकाला गया. पुलिस कोर्ट से तीनों की रिमांड मांगने की तैयारी में है.
दरअसल, यह घटना बीते दिनों तब सामने में आई, जब एक पीड़िता ने बागसेवनिया पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पीड़िता ने आरोप लगाया कि फरहान अली उर्फ फराज ने उसे अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने उसका यौन शोषण किया और ब्लैकमेल किया.
पुलिस के अनुसार, फरहान कॉलेज का पूर्व छात्र है और उसने दो साल पहले अपनी पहचान छिपाकर एक नाबालिग लड़की से दोस्ती की थी. फिर रेप किया, उसका वीडियो बनाया और पीड़िता को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. फरहान के दो दोस्तों, साहिल और साद ने भी इसी तरह अन्य लड़कियों को अपने जाल में फंसाया.
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई गई है. तीनों आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता (BNS), और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने शुक्रवार को फरहान और साहिल को गिरफ्तार किया था, जबकि साद को शनिवार को पकड़ा गया. जांच में फरहान के फोन से कई अश्लील वीडियो बरामद हुए, जिनमें कम से कम 10-15 लड़कियों के वीडियो होने की बात सामने आई है. जांचकर्ताओं के करीबी सूत्रों के मुताबिक, जांच आगे बढ़ने पर पीड़ितों और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है.
अजमेर जैसा कांड
यह मामला 1992 के कुख्यात अजमेर रेप कांड की याद दिलाता है, जहां 100 से ज्यादा स्कूली कॉलेज की छात्राओं को ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था. भोपाल मामले में भी आरोपियों ने वीडियो बनाकर पीड़िताओं को ब्लैकमेल किया और उन्हें अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया। कई पीड़िताओं ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती गांजे का नशा कराया गया, मांसा तक खिलाया गया और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया. (इनपुट: एजेंसी से भी)
रवीश पाल सिंह