MP News: राजधानी भोपाल नगर निगम में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सिर्फ 240 मीटर लंबी नाली को कवर करने में ठेकेदार ने 16 हजार किलो लोहा लगा दिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर को चिट्ठी लिखी.
मामला भोपाल के संगम नगर इलाके का है, जहां सिर्फ 240 मीटर लंबी एक छोटी से नाली को सीमेंट से कवर किया गया. इस काम का टेंडर 13 लाख 34 हजार 268 रुपए का निकला था. ठेकेदार ने सीमेंट और लोहा लगाकर नाली को कवर कर दिया गया.
इसके बाद नगर निगम के इंजीनियरों ने नाली का मेजरमेंट किया और इसकी बकायदा रिकॉर्ड में एंट्री भी कर ली. लेकिन वरिष्ठ अफसरों ने जैसे ही देखा कि मेजरमेंट वाली किताब में 240 मीटर की लंबाई वाली छोटी सी नाली में 16 हजार 139 किलो लोहा लगने की एंट्री दर्ज है तो उनका माथा ठनका.
मामले की जानकारी निगम कमिश्नर संस्कृति जैन को दी गई तो उन्होंने नाली के निरीक्षण के निर्देश दिए. निगम कमिश्नर के इंस्पेक्शन को देखते हुए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बृजेश कौशल ने असिस्टेंट इंजीनियर निशांत तिवारी और जूनियर इंजीनियर रुपांकन वर्मा को निगम कमिश्नर के इंस्पेक्शन के लिए चिट्ठी लिखी और कहा कि नाली में 30-30 मीटर की दूरी पर सीमेंट को 3-3 फीट तक काटा जाए जिससे निगम कमिश्नर आकर इंस्पेक्शन कर सकें.
यह पत्र सामने आते ही भोपाल नगर निगम में हड़कंप मच गया और लोग पूछने लगे कि 240 मीटर की लंबाई वाली नाली में 16 हज़ार किलो लोहा कैसे लग गया?
निगम कमिश्नर ने बताया 'टाइपो'
इस बारे में निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने इसे 'टाइपिंग मिस्टेक' बताया और कहा कि टाइपिंग करते समय बिंदु लगना छूट गया था, इसलिए भ्रम की स्थिति बनी. कमिश्नर संस्कृति जैन ने बताया कि इस नाली को लेकर 13 लाख रुपए का टेंडर है, लेकिन फिलहाल इस राशि को जारी नहीं किया गया है.
रवीश पाल सिंह