इंदौर के बाद अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को मेट्रो ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है. 20 दिसंबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहरलाल खट्टर मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे और आखिरी स्टेशन एम्स तक बैठकर जाएंगे.
एमपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी एस कृष्णा चैतन्य ने बताया कि यह सफर इंदौर मॉडल से काफी अलग होगा. मेट्रो प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि भोपाल में शुरुआत में कोई 'प्रमोशनल' या मुफ्त यात्रा की सुविधा नहीं दी जाएगी.
एमडी ने बताया कि भोपाल मेट्रो में कोई छूट नहीं दी जाएगी यानी इंदौर की तरह शुरुआती 7 दिन फ्री नहीं रहेंगे. 1 से 2 स्टेशन तक किराया 20 रुपए, 3 से 5 स्टेशन तक 30 रुपए और 6 से 8 स्टेशन के बीच 40 रुपए रहेगा. यानी पूरी लाइन पर अधिकतम किराया 70 रुपए रहेगा.
साथ ही वर्तमान में महिलाओं के लिए कोई अलग आरक्षित कोच नहीं होगा. आगे महिला सवारियों की संख्या को देखते हुए ही अलग कोच का फैसला लिया जाएगा.
समय और फ्रीक्वेंसी
फिलहाल 3 डिब्बों की मेट्रो ट्रेन प्रायोरिटी कॉरिडोर यानी ऑरेंज लाइन पर चलेगी. सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे इसका संचालन होगा. यह 7.4 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और इस दौरान सुभाष नगर से एम्स के बीच 8 स्टेशन आएंगे.
पार्किंग की सुविधा
8 में से 6 स्टेशनों पर पार्किंग की जगह चिन्हित की गई है. यहां 15-20 चार पहिया और 50-75 दो पहिया वाहनों के लिए जगह होगी. सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) लगाए गए हैं ताकि कोई दुर्घटना न हो.
200 से 250 यात्री की क्षमता
एक कोच में सुविधाजनक रूप से 200 से 250 यात्री सफर कर सकते हैं यानी कुल क्षमता प्रति ट्रेन करीब 600-750 सवारी रहेगी.
बता दें कि भोपाल में कुल 30.18 किमी का कॉरिडोर (ऑरेंज और ब्लू लाइन मिलाकर) तैयार होना है. अधिकारी ने एम्स स्टेशन से 9 ट्रेनें और सुभाष नगर से 8 ट्रेनें चलने की जानकारी दी.
मेट्रो की खास बातें और सुविधाएं
भोपाल मेट्रो में दुनिया की सबसे एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे ड्राइवरलेस चलाने के योग्य बनाती है। हालांकि, फिलहाल इसे ड्राइवर ही चलाएंगे. किराया और विज्ञापन से होने वाली आय कुल खर्च का 50% वहन करेगी.
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के एक साल के संचालन और मेंटेनेंस के लिए 90 करोड़ 67 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं.
aajtak.in