मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकायुक्त ने रिटायर सिविल इंजीनियर जीपी मेहरा के चार ठिकानों पर छापेमारी की. 1984 बैच के पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जीपी मेहरा पिछले साल फरवरी 2024 में रिटायर हुए थे. उनके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान उनकी संपत्तियों में करोड़ों की अनुपातहीन चल और अचल संपत्ति के सबूत मिले हैं.
लोकायुक्त की टीम ने सबसे पहले भोपाल स्थित मेहरा के मुख्य घर में तलाशी ली. यहां से करीब 8 लाख रुपये कैश, लगभग 50 लाख रुपये की ज्वेलरी, 56 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), 55 लाख रुपये मूल्य की प्रॉपर्टी के दस्तावेज और लाखों रुपये के महंगे फर्नीचर बरामद हुए.
इसी के साथ भोपाल के एक अन्य फ्लैट से करीब 25 लाख रुपये कैश, लगभग ढाई किलो सोना और पांच किलो चांदी बरामद हुई. जांच में यह भी पता चला कि मेहरा की गोविंदपुरा स्थित एक पाइप फैक्ट्री में पार्टनरशिप है.
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इसके अलावा नर्मदापुरम के सोहागपुर में स्थित जीपी मेहरा के फार्म हाउस, निर्माणाधीन रिसोर्ट, गौशाला, फिश फार्मिंग पाउंड और छह ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि उपकरण और कई किलो शहद भी पाए गए. अधिकारियों का कहना है कि इन सभी संपत्तियों का अधिकांश हिस्सा परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज है.
यह कार्रवाई उनके रिटायरमेंट के बाद अर्जित संपत्तियों की जांच के तहत की गई है. प्रारंभिक तौर पर तलाशी में मिली संपत्तियों और दस्तावेजों से स्पष्ट होता है कि संपत्तियों की कीमत उनके सरकारी वेतन और उपलब्ध संसाधनों के अनुपात में असामान्य है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.
रवीश पाल सिंह