मध्य प्रदेश में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. शासन और प्रशासन दावा कर रहा है कि खाद की कोई कमी नहीं है, उधर भिंड एसडीएम ने खाद के लिए चक्काजाम कर रहे किसानों के सामने सीधे तौर पर यह कह दिया- ''खाद है ही नहीं तो बांटे कहां से.'' यह सुनकर किसानों का पारा और भी चढ़ गया.
यह पूरा घटनाक्रम सोमवार को भिंड में भारौली बाईपास पर देखने को मिला. डीएपी खाद नहीं मिलने की वजह से किसानों ने भारौली बाईपास पर चक्काजाम किया था.
जानकारी जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों तक पहुंची तो भिंड एसडीएम अखिलेश शर्मा किसानों को समझाइश देने के लिए चक्काजाम वाले स्थान पर पहुंच गए. किसानों ने डीएपी खाद वितरित करने की मांग की तो, एसडीएम अखिलेश शर्मा ने किसानों से साफ तौर पर कह दिया कि ''खाद है ही नहीं तो बांट कहां से दें.''
अखिलेश शर्मा ने कहा कि भिंड के चार गोदाम में खाद रखा जाता है. विधायक के साथ वे गोदाम देखकर आए हैं, वहां डीएपी उपलब्ध नहीं है. गोदाम में सिर्फ उतना ही डीएपी उपलब्ध है जो वितरण केंद्रों पर टोकन ले चुके किसानों को बांटने के लिए रखा हुआ है. आगे जब डीएपी आ जाएगा तो किसानों को वितरित कर दिया जाएगा.
किसानों का कहना है कि उन्हें समय पर डीएपी खाद नहीं मिल रहा है. एक महीने बाद का टोकन दिया जा रहा है. किसानों का कहना है कि वह कतार में लगकर ( इंतजार करते हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है. किसानों ने कहा कि वे चक्काजाम तभी खोलेंगे जब उन्हें खाद मिल जाएगा.
हालांकि, जब कैमरे पर एसडीएम से खाद की स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है, किसान सिर्फ डीएपी की जिद कर रहे हैं. टोकन के लिए पहले दो मशीन चालू थी लेकिन अब 6 काउंटर कर दिए गए हैं. तीन-चार दिन में सभी को खाद मिल जाएगा.
हालांकि, एसडीएम की समझाइश के बावजूद भी काफी देर तक किसान चक्काजाम कर बैठे रहे. कुछ देर बाद मौके पर पहुंचे बीजेपी विधायक नरेंद्र कुशवाहा ने जाम खुलवाया.
हेमंत शर्मा