मध्य प्रदेश ने वन संरक्षण में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश का पहला AI-आधारित रियल-टाइम वन अलर्ट सिस्टम लागू किया है. यह सिस्टम सैटेलाइट इमेज, मोबाइल फीडबैक और मशीन लर्निंग की मदद से वनों में अतिक्रमण, अवैध भूमि उपयोग और पर्यावरण क्षरण का पता लगाएगा.
यह पायलट प्रोजेक्ट शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा के संवेदनशील वन क्षेत्रों में शुरू किया गया है, जहां अतिक्रमण और पेड़ कटाई की घटनाएं सामने आई हैं. भविष्य में इसे पूरे राज्य में लागू करने की योजना है.
गुना के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) अक्षय राठौर द्वारा प्रस्तावित यह सिस्टम गूगल अर्थ इंजन पर आधारित है, जो सैटेलाइट डेटा का विश्लेषण कर भूमि उपयोग में बदलावों की पहचान करता है. हर बदलाव की सूचना मोबाइल ऐप के जरिए फील्ड स्टाफ को भेजी जाती है, जो मौके पर जाकर सत्यापन करता है.
राठौर ने बताया कि यह पहली बार है जब सैटेलाइट, AI और फील्ड फीडबैक को एक सतत प्रक्रिया में जोड़ा गया है, जो समय के साथ बेहतर होती जाएगी. सिस्टम में 20 से ज्यादा विशेषताएं शामिल हैं, जैसे GPS-टैग फोटो, वॉयस नोट्स, जियो-फेंसिंग और दूरी माप. यह NDVI, SAVI, EVI जैसे सूचकांकों के साथ डेटा को और समृद्ध करता है.
हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स असीम श्रीवास्तव और IT के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक बीएस अन्निगेरी के नेतृत्व में लागू इस सिस्टम से वन कर्मचारियों को तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी. प्रत्येक अलर्ट को डैशबोर्ड पर लाइव मॉनिटर किया जा सकता है, जिसमें तारीख, घनत्व और क्षेत्र के आधार पर फिल्टर उपलब्ध हैं.
वन विभाग के अफसरों का कहना है कि यह सिस्टम वन प्रबंधन को और प्रभावी बनाएगा, जिससे वनों की सुरक्षा और संरक्षण में मध्य प्रदेश अग्रणी बन सकेगा.
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