हिंदी फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने 'साहित्य आज तक' के मंच पर 'नया सिनेमा नई ज़ुबान' विषय पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि जो आपको सोचने पर मजबूर करे, सोने ना दे वही साहित्य और सिनेमा है.