पिस्तौल नहीं, जेब में डिक्शनरी रखते थे भगत सिंह, चमनलाल ने बताई वजह

चमनलाल ने कहा कि जो लोग भगत सिंह की जेब में पिस्तौल दिखाते हैं वो मूर्ख और घटिया लोग हैं, उनकी जेब में दो चीजें रहती थीं. एक जेब में भगत सिंह पॉकेट डिक्शनरी रखते थे और दूसरी जेब में दुनिया की कोई महान किताब रखते थे.

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सत्र 'रंग दे बसंती चोला' (फोटो- आजतक) सत्र 'रंग दे बसंती चोला' (फोटो- आजतक)

अनुग्रह मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:08 AM IST

साहित्य आजतक के तीसरे दिन सीधी बात मंच पर सत्र 'रंग दे बसंती चोला' में देशभक्ति के जज्बे को सलाम करने का वक्त था. इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे देशभक्तों के लेखक सुधीर विद्यार्थी और खुले विचारों के लिए पहचाने जाने वाले लेखक प्रोफेसर चमनलाल. प्रोफसर ने शहीद भगत सिंह पर ढेर सारा काम किया है और जेएनयू में अध्यापन कर चुके हैं.

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भगत सिंह की विरासत पर बोलते हुए सुधीर विद्यार्थी ने कहा कि आज के दौर में समाज ने भगत सिंह का बंटवारा कर दिया है. अलग-अलग विचारधारा के लोग उन्हें अपने खेमे में खींचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन भगत सिंह का कद इतना ऊंचा है कि वो किसी धर्म, जाति, विचारधारा के छाते के भीतर नहीं समा सकते. प्रोफेसर चमनलाल ने कहा कि भगत सिंह जैसा सेल्फ मेड इंसान होना आज के बच्चों के लिए एक प्रेरणादायी कहानी है.

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चमनलाल ने भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिन लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में कुछ काम नहीं किया वो आज सबसे बड़े देशभक्त हैं और जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में अपने प्राण त्याग दिए वो आज गाली खाते हैं. उन्होंने कहा कि गांधी जी ने आजादी की लड़ाई में शिक्षा को शामिल करने की पूरी प्रक्रिया तय की थी.

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चमनलाल ने कहा कि जो लोग भगत सिंह की जेब में पिस्तौल दिखाते हैं वो मूर्ख और घटिया लोग हैं, उनकी जेब में दो चीजें रहती थीं. एक जेब में भगत सिंह पॉकेट डिक्शनरी रखते थे और दूसरी जेब में दुनिया की कोई महान किताब रखते थे. प्रोफेसर ने बताया कि भगत सिंह के सभी क्रांतिकारी साथियों के संस्मरण में एक बात समान थी कि वो कहते थे कि भगत सिंह किताबें पढ़ता नहीं था, किताबों को पीता था. कार्यक्रम के दौरान चमनलाल ने बताया कि भगत सिंह फिल्मों के बहुत शौकीन थे, हर मौका मिलते ही दोस्तों के साथ फिल्में देखने जरूर जाते थे.

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