साहित्य आज तक: पीयूष मिश्रा की 10 बेबाकियां

साहित्य के सबसे बड़े मंच 'साहित्य आज तक' में पीयूष मिश्रा और स्वानंद किरकिरे एक साथ यहां मौजूद श्रोताओं से रू-ब-रू हुए. पीयूष ने अपनी फिल्मों में गाए जाने वाले गीतों से जनता को फिर से सराबोर किया. जानें कि आखिर क्या रहा उनके कार्यक्रम का हाईलाइट...

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Peeyush Mishra Peeyush Mishra

विष्णु नारायण

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  • 12 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

साहित्य के सबसे बड़े मंच 'साहित्य आज तक' में पीयूष मिश्रा और स्वानंद किरकिरे एक साथ यहां मौजूद श्रोताओं से रू-ब-रू हुए. पीयूष ने अपनी फिल्मों में गाए जाने वाले गीतों से जनता को फिर से सराबोर किया. जानें कि आखिर क्या रहा उनके कार्यक्रम का हाईलाइट...

1. वे आजकल के नौजवानों की भाषा में खुद को सहज पाते हैं. वे सनातन काल की भाषा का आज की तारीख में प्रयोग पर सहज नहीं.

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2. उनका ऐसा मानना है कि जवान लोगों के साथ रहने से पता चलता है कि आजकल दुनिया में क्या चल रहा है.

3. वे पहले की तुलना में काफी बदल गए हैं. पहले वे किसी से भी उलझ जाया करते और आज अपेक्षाकृत शांत हो गए हैं.

4. पीयूष बताते हैं कि उन्हें 1989 की सुपरहिट फिल्म  'मैंने प्यार किया' पहले ही ऑफर हुई थी लेकिन किन्हीं वजहों से वे इस फिल्म को नहीं कर सके.

5. भाषा लोगों को कम्यूनिकेट करने के लिए प्रयोग हो.

6. यहां लोग भाषा को क्लिष्ट बनाए रखना चाहते हैं. उसे बदलने देना नहीं चाहते.

7. लोग आज उनकी अच्छाई पर विश्वास नहीं रखते.

8. लोग मेरी और सलमान से लड़ाई न करवाएं.

9. इश्क के सवाल पर वे कहते हैं कि 'कुछ इश्क किया कुछ काम किया'.

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10. वे जनता को बुद्धिमान मानते हैं और कहते हैं कि वह सबकुछ समझती है.

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